उज्जैन। सावन माह के पहले सोमवार पर उज्जैन के राजा बाबा महाकाल चांदी की पालकी में सवार होकर प्रजा का हालचाल जानने निकले. बाबा महाकाल ने प्रजा को चंद्रमौलेश्वर के रूप में दर्शन दिए. सवारी शुरू होने से पहले परंपरा अनुसार पूर्व सभा मंडप में कलेक्टर, एसपी, एडीएम ने बाबा महाकाल की पूजा और आरती की. इसके बाद बाबा महाकाल नगर भ्रमण पर निकले.
पुलिस बैंड ने दिया गार्ड ऑफ ऑनर
परंपरा के अनुसार मंदिर के बाहर पुलिस की तरफ से राजा महाकाल को गॉर्ड ऑफ ऑनर दिया गया. कोरोना गाइडलाइन के चलते सवारी में सिर्फ अनुमति प्राप्त लोगों को शामिल होने की अनुमति थी. कोविड के कारण महाकाल का सवारी मार्ग भी पिछली बार की तरह छोटा रहा. सवारी के दौरान पुलिस व्यवस्था बनाए रखने के लिए चप्पे-चप्पे पर पुलिस बल तैनात किया गया था.
पूरी सवारी मार्ग पर बिछाया गया था रेड कारपेट
बाबा महाकाल की पहली सवारी के मौके पर सवारी मार्ग पर जगह-जगह सुंदर रांगोली बनाई गई थी. इस दौरान पूरे सवारी मार्ग पर रेड कारपेट बिछाया गया था. महाकाल की सवारी हरसिद्धि मंदिर के सामने से होते हुए नृसिंह घाट और झालरिया मठ से रामघाट पहुंची. रामघाट पर क्षिप्रा जल से महाकाल के पूजन के बाद सवारी फिर मंदिर की तरफ चल पड़ी.