मध्य प्रदेश

madhya pradesh

ETV Bharat / state

इंसान नहीं कस्टडी में कुत्ते, संभालने में पुलिस के छूटे पसीने

उज्जैन का माधव नगर थाना सोमवार को विदेशी नस्ल के कुत्तों से भर गया. एक दर्जन से अधिक विदेशी नश्ल के कुत्ते लेकर पीएफए (पीपुल्स फॉर एनीमल) नाम की एनजीओ के सदस्य थाने पहुंचे, जिसके बाद पुलिस ने कुत्तों को कस्टडी में ले लिया. जाने क्या है पूरा मामला...

Madhav Nagar police station of Ujjain took dogs in custody
कस्टडी में कुत्ते

By

Published : Jan 4, 2021, 7:26 PM IST

Updated : Jan 4, 2021, 8:03 PM IST

उज्जैन। माधव नगर पुलिस स्टेशन में आज इंसान की जगह कुत्तों को कस्टडी में लिया गया. लॉकडाउन के दौरान मगरिया गांव में ब्रीडर रंजीत के फार्म हाउस से विदेशी नस्ल के कुत्तों को तत्कालीन एसडीएम व पशु चिकित्सक की टीम से स्थानीय लोगों ने शिकायत की थी. शिकायत पर अधिकारियों ने कुत्तों को बरामद कर न्यायालय के आदेश पर एक पीएफए एनजीओ को सौंप दिया था. अब कुत्तों का मेडिकल करवाया गया और पुलिस ने सभी कुत्तों को एनजीओ से अपनी कस्टडी में ले लिया है.

कस्टडी में कुत्ते

पुलिस भी रह गई थी हैरान

विदेशी नस्ल के कुत्ते थाने में देख पुलिस भी हैरान हो गई. पहले तो मामला पुलिस को भी समझ में नहीं आया लेकिन बाद में पता चला कि कोर्ट ने आदेश दिया है कि कुत्तों की मेडिकल जांच के बाद पुलिस उन्हें अपनी कस्टडी में ले. इसके बाद पुलिस ने लिखा पढ़ी करके कुत्तों का लालपुर स्थित पशु चिकित्सालय में मेडिकल कराया. अब पुलिस के सामने यह समस्या है कि इन्हें कैसे संभाला जाए.

ब्रीडर ने अदालत में लगाई है याचिका

नानाखेड़ा थाने के पुलिस कर्मियों ने बताया कि कुत्तों को वापस दिलाने संबंधी एक याचिका ब्रीडर रंजीत ने अदालत में लगाई है. रंजीत का यह भी आरोप है कि एनजीओ ने कुत्तों को अपने पास रखने के बजाए लोगों में बांट दिए. अदालत के आदेश पर कुत्तों का सोमवार को मेडिकल परीक्षण कराया गया है.

कोर्ट में कैसे पहुंचा मामला

नानाखेड़ा क्षेत्र के ग्राम नगरिया में ब्रीडर रंजीत का फार्महाउस है. उनके यहां विदेशी नस्ल के कुत्तों को रख रखा था. जहां कुत्तों की हालत खराब देख स्थानीय लोगों ने पुलिस को इस बात की शिकायत कर दी थी. तत्कालीन एसडीएम व पशु चिकित्सक ने सभी को जब्त कर न्यायालय के सामने रिपोर्ट रखी थी.

एनजीओ कुत्तों को फिर से ब्रीडर को नहीं देना चाहती

एनजीओ के सदस्यों का कहना है कि कुत्तों को जब ब्रीडर के फाॅर्म हाउस से रेस्क्यू किया गया था तब उनकी हालत बहुत ही खराब थी. उन्हें खाने-पीने को कुछ भी नहीं दिया जाता था. अब कुत्तों की दशा बहुत ही अच्छी है. इसलिए इन्हें वापस ब्रीडर को न दिया जाए.

Last Updated : Jan 4, 2021, 8:03 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details