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उज्जैन में महिला पर एसिड अटैक, अस्पताल में लड़ रही जिंदगी की जंग

उज्जैन के थाना नीलगंगा क्षेत्र में अपने प्रेमी के साथ लिव इन में रह रही एक महिला पर उसके प्रेमी ने ही एसिड अटैक कर दिया. वारदात को अंजाम देने के बाद से आरोपी फरार है, जिसकी तलाश में पुलिस जुटी हुई है.

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Published : Nov 4, 2020, 5:25 PM IST

उज्जैन। सुप्रीम कोर्ट के सख्त आदेश के बाद भी देश भर में धड़ल्ले से एसिड की बिक्री हो रही है. यही वजह है कि दिनों-दिन एसिड अटैक के मामले भी बढ़ते जा रहे हैं. उज्जैन शहर में भी बुधवार को एसिड अटैक का एक मामला सामने आया है. यहां लिव इन में रहने वाली एक महिला पर उसके ही प्रेमी ने किसी बात को लेकर एसिड डाल दिया, जिस कारण महिला 50 फीसदी झुलस गई है. महिला की हालत को गंभीर देख उसे तुरंत इलाज के लिए निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां वो जिंदगी और मौत के बीच लड़ रही है.

प्रेमी ने किया महिला पर एसिड अटैक

जानें पूरा मामला-

जानकारी के मुताबिक महिला शहर के एक निजी अस्पताल में नर्स है, जो कि 2007 में अपने पति से तलाक लेने के बाद अपने प्रेमी के साथ लिव इन में रह रही थी. पूरा मामला थाना नीलगंगा क्षेत्र का है, जहां साईधाम कॉलोनी में दोनों रहते थे. दोनों के बीच बुधवार सुबह किसी बात को लेकर विवाद हुआ, जिस पर गुस्साए प्रेमी ने महिला पर एसिड डाल दिया. आरोपी एसिड अटैक करने के बाद से ही मौके से फरार है और पुलिस आरोपी की तलाश कर रही है.

शादीशुदा है आरोपी

जानकारी के मुताबिक आरोपी थाना चिंतामन क्षेत्र निवासी है. पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार करने के लिए एक टीम उस थाना क्षेत्र में भेज दी है, ताकि उसका पता लगाया जा सके. वहीं कहा जा रहा है कि आरोपी शादीशुदा है और उसके बच्चे हैं, जिस बात को लेकर विवाद हुआ है. वहीं आरोपी ने जहां से एसिड खरीदा है, उस दुकान पर भी जल्द ही कार्रवाई की जाएगी.

प्रदेश में सामने आ रहे हैं मामलें-

कुछ दिनों पहले ही डिंडौरी जिले के एक गांव में घर में सो रही 20 वर्षीय युवती पर उसके मंगेतर और प्रेमी ने मिलकर एसिड अटैक कर दिया, पुलिस ने दोनों फरार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है और उनके खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू की.

पढ़ें पूरा मामला-मंगेतर और प्रेमी ने युवती पर किया एसिड अटैक, दोनों गिरफ्तार

एसिड अटैक के मामले और क्या है कानून

एसिड अटैक से जुड़ा एक नया केस लगभग हर दिन सामने आता रहता है. कभी किसी के ऊपर शादी का प्रस्ताव न मानने पर एसिड फेंक दिया जाता है तो कभी किसी आपसी रंजिश के चलते शिकार बनाया जाता है. ऐसे हमले के बाद पीड़ित (चाहे वह महिला हो या पुरुष) का जीवन बुरी तरह प्रभावित होता है. पीड़िता के निजी सामाजिक और आर्थिक जीवन पर इसका बेहद बुरा प्रभाव पड़ता है. देश में एसिड की बिक्री को लेकर नए कानून आने के बावजूद जमीनी स्तर पर हालातों में कोई खास बदलाव देखने को नहीं मिल रहा है. एसिड अटैक अपने आप में एक अपराध है और कुछ सालों पहले ही बड़ी तादाद में इससे जुड़े मामले सामने आना शुरू हुए हैं, जिसके चलते सरकार ने अपराध कानून संशोधन एक्ट 2013 के जरिए भारतीय दंड संहिता में कुछ प्रावधानों को जोड़ा है.

IPC (Indian Penal Code) की धारा 326A

IPC की धारा 326A के मुताबिक अगर किसी व्यक्ति द्वारा किसी दूसरे व्यक्ति के शरीर पर नुकसान पहुंचाने के इरादे से एसिड फेंका गया है और पीड़िता पूर्ण रूप से या आंशिक रूप से जख्मी हुई है तो ये कृत गैर जमानती अपराध की श्रेणी में आएगा. इसके तहत दोषी को कम से कम 10 साल की सजा और अधिकतम उम्र कैद के साथ ही जुर्माना से दंडित किया जाने का प्रावधान है. 326 A में यह भी प्रावधान है कि दोषी पर उचित जुर्माना भी होगा और जुर्माने की रकम पीड़िता को दिया जाएगा.

IPC की धारा 326 B

इस धारा का संबंध एसिड अटैक के प्रयास से है. इस कानून के मुताबिक किसी व्यक्ति ने अगर किसी दूसरे व्यक्ति पर एसिड फेंकने की कोशिश की है तो ये एक संगीन अपराध है. यह अपराध गैर जमानती है. इसके लिए दोषी को कम से कम पांच साल तक की सजा हो सकती है और दोषी को जुर्माना भी देना पड़ सकता है.

SC ने दिया है एसिड की बिक्री को रेगुलेट करने का आदेश

ऐसिड अटैक को रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकारों से कहा है कि वह ऐसिड की बिक्री को रेग्युलेट करने के लिए कानून बनाएं. अटैक की शिकार महिला को इलाज और पुनर्वास के लिए तीन लाख रुपए का मुआवजा देने का प्रावधान भी है.

एसिड पीड़िता को कितना मिलता है मुआवजा

एसिड अटैक के मामलों में मुआवजा राशि सात लाख रुपए है. इस राशि को नेशनल लीगल सर्विसेज अथॉरिटी (NLSA) ने तय किया है.

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