उज्जैन।अखिल भारतीय कालिदास समारोह हर साल 7 दिवसीय मनाया जाता है. जिसमें देश के अलग-अलग राज्यों से कलाकार अपने राज्य की संस्कृति को संस्कृत नाटक, कत्थक के माध्यम से दर्शाते हैं. जिसे देखने संस्कर्ति से जुड़े विद्वान, युवा वर्ग व बच्चे भी शामिल होते हैं, लेकिन इस साल कोरोना महामारी को देखते हुए कार्यक्रम को सीमित कर 3 दिवसीय किया गया है. अखिल भारतीय कालिदास समारोह के अवसर पर शिप्रा नदी घाट पर कलश पूजन किया गया. कलश पूजन प्रतीकात्मक रूप में किया गया. साथ ही हर साल कलश यात्रा में सैकड़ों की संख्या में लोग झूमते नाचते दिखाई देते थे लेकिन इस वर्ष कोरोना के बढ़ते मरीजों को देखते हुए कलश यात्रा कोरोना गाइडलाइन के हिसाब से निकाली गई है. शिप्रा नदी के राम घाट पर पूजन के बाद मंगल कलश लेकर भगवान महाकाल को प्रणाम करते हुए यात्रा कालिदास अकादमी में समारोह स्थल पर पहुंची जहां पर कलश की स्थापना की गई.
नांदी का आयोजन