उज्जैन। देश भर में प्रसिद्ध चिंतामन गणेश मंदिर से जत्रा की शुरुआत हो गई, मान्यता है कि जो भक्त चैत्र के महीने में बुधवार के दिन भगवान गणेश के दर्शन का लाभ लेते हैं उनको मनवांछित फल की प्राप्ति होती है. जिसके चलते दूर-दूर से श्रद्धालु भगवान चिंतामन गणेश के दर्शन के लिए उज्जैन पहुंचते हैं और अपने साथ धान लाकर भगवान गणेश को अर्पित करते हैं. वहीं कोरोना काल में भगवान के मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ अपेक्षाकृत कम देखने को मिली, लेकिन जो भी श्रद्धालु मंदिर में दर्शन करने पहुंचे, वो सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना भूल गए.
- 1 महीने तक चलने वाली जत्रा की मान्यता
विश्व प्रसिद्ध चिंतामन गणेश मंदिर की स्थापना भगवान श्री राम, लक्ष्मण और सीता माता ने की थी. यहां एक मूर्ति में चिंतामन, दूसरी मूर्ति में इच्छा मन ,और तीसरी मूर्ति में सिद्धिविनायक गणेश जी विराजमान हैं. मान्यता है कि चैत्र के महीने में भगवान चिंतामन गणेश की जो भी भक्त चारों बुधवार यात्रा में आता है उसे मनचाहा वर मिलता है. खासतौर पर जिन्हें संतान सुख नहीं मिल पा रहा है या फिर जिनकी शादी में बाधा उत्पन्न हो रही है. उन्हें खासतौर पर क्षेत्र के चारों बुधवार में आकर दर्शन करना चाहिए, उनकी मनोकामना जरूर पूरी होती है. चैत्र के बुधवार को दूर-दूर से श्रद्धालु उज्जैन पहुंचते हैं भरी गर्मी में लाइन लगाकर दर्शन का लाभ लेते हैं. वही किसान अपनी फसल की कटाई के बाद धान लाकर भगवान चिंतामन को अर्पित करते हैं. यह जत्रा करीब 1 महीने तक चलेगी.