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Janmashtmi 2023 : श्रीकृष्ण की शिक्षास्थली सांदीपनि आश्रम के साथ ही महाकालेश्वर व गोपाल मंदिर में जन्माष्टमी की तैयारियां

भगवान श्रीकृष्ण की शिक्षास्थली उज्जैन में जन्माष्टमी पर्व की तैयारियां जोरों पर चल रही हैं. रात 12 बजे भगवान कृष्ण का जन्म होगा. सांदीपनि आश्रम के साथ ही महाकालेश्वर मंदिर और गोपाल मंदिर में भी जन्माष्टमी की तैयारियां चल रही हैं.

Janmashtmi 2023
सांदीपनि आश्रम के साथ ही महाकालेश्वर व गोपाल मंदिर में जन्माष्टमी

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Sep 6, 2023, 4:17 PM IST

सांदीपनि आश्रम के साथ ही महाकालेश्वर व गोपाल मंदिर में जन्माष्टमी

उज्जैन।पूरे शहर में भगवान के जन्म को लेकर लोगों ने व्यापक स्तर पर तैयारियां की हैं. उज्जैन को भगवान श्रीकृष्ण की शिक्षा स्थली माना जाता है. सांदीपनि आश्रम में जन्माष्टमी की तैयारी जोरों पर हैं. रात 12 बजे भगवान का जन्म होगा. सांदीपनि आश्रम के साथ ही महाकालेश्वर मंदिर और गोपाल मंदिर में बड़ी संख्या में भक्त आते हैं. इसके मद्देनजर वहां तैयारियां चल रही हैं. इस्कॉन मंदिर में भी गुरुवार को पूरे दिन जन्माष्टमी की धूम रहेगी. सांदीपनी आश्रम के पंडित रूपम व्यास ने बताया कि तैयारियां पूरी हो गई हैं. भक्तों में भारी उत्साह है.

सांदीपनि आश्रम में होगा भव्य श्रृंगार :भगवान श्री कृष्ण की पहली पाठशाला सांदीपनि आश्रम में रात 12 बजे आरती की जाएगी. इससे पहले भगवान श्री कृष्ण का भुट्टे, निम्बू और मधुमती के फूलों से दिव्य श्रृंगार किया जाएगा. बुधवार को सुबह से जन्माष्टमी के पर्व पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु दर्शन करने पहुंचे. वहीं, इस्कॉन मंदिर के पीआरओ राघव पंडित दास ने बताया कि यहां 7 सितंबर को लड्डू गोपाल का जन्मोत्सव रात्रि में मनाया जाएगा. उज्जैन में भगवान श्री कृष्ण सहित बलराम और सुदामा ने गुरु सांदीपनि से शिक्षा ग्रहण की थी. श्री कृष्ण ने गुरु सांदीपनि से 4 दिन में 4 वेद , 6 दिन में 6 शास्त्र, 16 दिन में 16 विद्याएं, 18 दिन में 18 पुराण सहित कुल 64 दिन में 64 अलग-अलग कलाओं का ज्ञान अर्जित किया था.

इस्कान मंदिर में आरती का विवरण :

  • प्रातः 4:30 मंगल आरती
  • प्रातः 4:55 नृसिंह आरती
  • प्रातः 5:05 तुलसी आरती
  • प्रातः 5:15 भगवद् गीता पाठ
  • प्रातः 5:30 हरे कृष्ण "महामंत्र" जाप
  • प्रातः 7:25 नृसिंह आरती
  • प्रातः 7:30 श्रृंगार आरती, गुरुपूजा
  • प्रातः 8:00 भागवत कथा
  • प्रातः 8:30 बालभोग आरती
  • दोपहर: 12:15 राजभोग आरती
  • दोपहर 1 बजे से 4 बजे तक पट बंद
  • सायं: 4 धूप आरती
  • सायं: 6:15 तुलसी आरती (ग्रीष्म) 6/40
  • सायं: 6:30 संध्या आरती (ग्रीष्म) 7बजे
  • सायं: 7:40से 8:30 तक पट बंद (ग्रीष्म) 8/10से9 बजे
  • रात्रि: 8:30 शयन आरती (ग्रीष्म) 9बजे
  • रात्रि 8:45 पट बंद (ग्रीष्म) 9:15

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