मध्य प्रदेश

madhya pradesh

ETV Bharat / state

वैक्सीन के असर का पता लगाने के लिए सर्वे, ICMR रिसर्च करेगा Covishield और Covaxin से बनी कितनी एंटीबॉडी

दिल्ली से उज्जैन पहुंची 11 सदस्यों की स्वास्थ्य टीम, जिला अस्पताल और ग्रामीणों अंचलों में ब्लड सैंपल लेने पहुंची हैं. टीम का उद्देश्य यह पता करना है कि जिन लोगों को वैक्सीन लगी है उनकी बॉडी में कितनी एंटीबॉडी विकसित हुई है.

concept image
सांकेतिक चित्र

By

Published : Jun 29, 2021, 5:24 PM IST

Updated : Jul 4, 2021, 9:49 PM IST

उज्जैन। दिल्ली से भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान संस्थान (ICMR) की 11 सदस्यीय टीम उज्जैन पहुंची है. जिला चिकित्सालय में डॉक्टर, स्वास्थ्यकर्मी और ग्रामीण क्षेत्र में आम लोगों के ब्लड सैंपल लिए जाएंगे. स्वास्थ्य टीम, उज्जैन में कोरोना और उसके अलग- अलग वेरिएंट जैसे डेल्टा, ब्लैक फंगस बीमारी से ग्रसित होने वाले मरीज और बीमारी की गंभीरता को देखते हुए रिसर्च (research) करने पहुंची है. टीम का मुख्य काम देश की स्वास्थ्य संबंधित गतिविधियों पर नजर रखना है और उससे होने वाले साइड इफेक्ट पर नियंत्रण और प्रबंधन के लिए रिसर्च करना है.

उज्जैन पहुंची ICMR की टीम

वैक्सीन के प्रभाव पर Research

टीम ने अस्पताल में डॉक्टर सहित 15 लोगों के ब्लड सैंपल लिए हैं, साथ ही ग्रामीण क्षेत्र में टीम सैंपल कलेक्ट कर रही है. टीम ने वैक्सीन के डोज लगवा चुके स्वस्थ्यकर्मी और आम जन की बॉडी में एंटीबॉडी का पता लगाने के लिए सैंपल लिए हैं. ये टीम अलग- अलग शहरों में जाकर कोविशील्ड और कोवैक्सीन लगा चुके, स्वास्थ्यकर्मियों की बॉडी में बनी एंटीबॉडी और वैक्सीन के प्रभाव पर रिसर्च कर, उनसे होने वाले साइड इफेक्ट पर नियंत्रण और प्रबंधन के लिए केंद्र द्वारा चुनी गई है.

antibody cocktail: जिस दवा से ठीक हुए थे Donald Trump, उसका ग्वालियर में किया जाएगा experiment

बॉडी में कितनी डेवलप हुई एंटीबॉडी?

उज्जैन में 11 सदस्य दल, भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान संस्थान दिल्ली से सीधा प्रदेश के जबलपुर जिले में पंहुचा था और वही पर अलग-अलग जिलों में सैंपल कलेक्ट करने के लिए टीम बनाई गई थी. जिसमें से 11 सदस्य टीम उज्जैन पहुंची और टीम ने जिला चिकित्सालय के डॉक्टर, स्वास्थ्यकर्मी सहित माधव नगर अस्पताल के डॉक्टर विक्रम सिंह रघुवंशी के ब्लड सैंपल लिए. जांच टीम, अब ये पता लगाएगी कि वैक्सीन के एक और दोनों डोज लगवा चुके लोगों पर कोरोना का क्या प्रभाव पड़ा और इनकी बॉडी में कितनी एंटीबॉडी डेवलप हुई, साथ ही ये भी पता चल सकेगा कि जिन लोगों को कोरोना हुआ था और बाद में यह लोग कोरोना से ठीक कैसे हुए.

संक्रमण की स्थिति पर अध्ययन

उज्जैन में चार अलग- अलग टीम ग्रामीण इलाकों में सैंपल जुटा रही है, जहां से दिल्ली की एक टीम अलग- अलग लोगों के खून के नमूने लेगी. इसके साथ ही आम लोगों में भी एंटीबॉडी की जांच की जायेगी. इन नमूना का रिजल्ट करीब तीन हफ्ते बाद आएंगे. खास बात ये हैं कि ब्लड सैंपल से कोरोना वायरस का अध्ययन करके संक्रमण की स्थिति का पता भी लगाया जा सकेगा.

Last Updated : Jul 4, 2021, 9:49 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details