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सबसे पहले महाकाल को लगता है रंग-गुलाल, यहां एक दिन पहले मनाया जाता है रंगों का त्यौहार - उज्जैन न्यूज

दुनिया भर में मनाए जाने वाले होली के त्योहार की शुरुआत धार्मिक नगरी उज्जैन में विश्वप्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर से होती है. महाकाल मंदिर में एक दिन पहले होली का पर्व मनाने की परंपरा आदि-अनादिकाल से चली आ रही. देखिए कैसी होती है बाबा महाकाल की होली...

Baba Mahakal's Holi
बाबा महाकाल की होली

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Published : Mar 7, 2020, 7:04 AM IST

उज्जैन। दुनिया भर में मनाए जाने वाले होली के त्यौहार की शुरुआत धार्मिक नगरी उज्जैन से होती है. यहां सबसे पहले होली का त्यौहार विश्वप्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर में मनाया जाता है. भगवान के साथ यहां भक्त फूलों और गुलाल से होली खेलते हैं. कुछ ऐसी ही होती है बाबा महाकाल की होली.

देखिए कैसी होती है बाबा महाकाल की होली...

देश विदेश से कई भक्त उज्जैन में मनाई जाने वाली इस होली को देखने के लिए आते हैं, आरती के समय बाबा के भक्तों पर भी होली का रंग खूब चढ़ता है. क्या बच्चे और क्या बड़े सभी बाबा महाकाल के रंग में रंग जाते हैं. महाकाल मंदिर में एक दिन पहले होली का पर्व मनाने की परंपरा आदि-अनादिकाल से चली आ रही.

बाबा महाकाल को चढ़ता है गुलाल

यहां सबसे पहले बाबा महाकाल के आंगन में होलिका का दहन होता है और शहर भर में होली मनाई जाती है. यहां संध्या आरती में पुजारी बाबा महाकाल के साथ गुलाल और फूलों से होली खेलते हैं. आरती के बाद मंदिर परिसर में मंत्रोचारण के साथ होलिका दहन किया जाता है.

भक्त बाबा के साथ खेलते हैं होली

हजारों की संख्या में भक्त भक्ति में लीन होकर अबीर गुलाल के साथ होली खेलते हैं, तो आरती के दौरान पूरा मंदिर परिसर गुलाल और रंगों से पट जाता है, इस खुबसूरत नजारे को देखने के लिए कई श्रद्धालु हर साल उज्जैन पंहुचते हैं.

आरती के बाद होता है होलिका दहन

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