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उज्जैन के सिद्धवट पर श्राद्ध पक्ष में हाईटेक पूजा, कोरोना के चलते लोग सोशल मीडिया का ले रहे सहारा - उज्जैन के सिद्धवट पर श्राद्ध

उज्जैन के सिद्धवट पर श्राद्ध पक्ष में हाईटेक पूजा हो रही है. कोरोना संकट के कारण जो लोग आ नहीं सकते वह सोशल मीडिया के माध्यम से करा रहे हैं. जिसमे तर्पण मोबाइल पर यजमान का श्राद्ध का पूजन करवा रहे हैं और उज्जैन के पंडित मोबाइल पर मंत्रोच्चार कर रहे हैं.

people doing shraddh ritual on video call
विडियों काॅल पर श्राद्ध करते लोग

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Published : Sep 2, 2020, 4:48 PM IST

उज्जैन। जिले में अब श्राद्ध पक्ष में एक नया नजारा देखने को मिल रहा है, कोरोना के चलते लोग उज्जैन में आकर तर्पण या अन्य विधि नहीं कर पा रहे हैं. जिसके चलते अब लोग उज्जैन में बैठे हाईटेक पंडितों के माध्यम से घर बैठे ही तर्पण करवा रहे हैं. जिसमें दिल्ली, यूपी, बिहार सहित अन्य राज्य और कनाडा जैसे देशों में बैठे श्रद्धालु अब पंडितों से सोशल साइट के माध्यम से तर्पण करवा रहे हैं. उज्जैन के पंडित राजेश त्रिवेदी ने यूपी में बैठे एक श्रद्धालु का पूजन कराया है.

उज्जैन पंडित राजेश त्रिवेदी ने बताया कि श्राद्ध पक्ष में उज्जैन का अपना अलग महत्व है. आदि अनादि काल में भगवान राम वनवास के दौरान उज्जैन पहुंचे थे. उसी दौरान उन्होंने अपने पिता के मृत्यु के बाद राम घाट पर तर्पण किया था. सिद्धवट घाट का अपना अलग महत्व इसलिए भी है क्योंकि घाट का वर्णन स्कंद पुराण में भी है. श्राद्ध पक्ष में दूर-दूर से तर्पण और पूजन के लिए श्रद्धालु उज्जैन पहुंचते हैं लेकिन कोरोना के इस दौर मैं जो लोग उज्जैन नहीं आ सकते हैं. वे अब सोशल मीडिया का सहारा भी ले रहे हैं. वहीं उज्जैन में तीन जगह पर पिंडदान तर्पण का पूजन विधि कराया जाता है. पहला रामघाट, दूसरा सिद्धवट, घाट तीसरा गया कोटा है.

श्राद्ध पक्ष में पूर्वजों की आत्मा शांति हेतु पिंडदान और तर्पण के लिए देश भर में प्रसिद्ध उज्जैन के सिद्धवट पर इन दिनों हाईटेक श्राद्ध भी कराया जा रहा है. घाट पर बैठे पंडित अपने मोबाइल पर ऑनलाइन मंत्र पढ़कर जजमान अपने घर में ही बैठकर बात कर रहे हैं. यही नहीं पूजन की दक्षिणा भी यजमान ऑनलाइन ही पंडित को बैंक अकाउंट में डाल रहे हैं. कई श्रद्धालु के परिवार इस परंपरा का निभाते आए हैं लेकिन आज के समय में उनके देश विदेश में रह रहे कई यजमान ऐसे हैं जो धार्मिक परंपरा में विश्वास रखते हैं और पूर्वजों के नियमित श्राद्ध कराना चाहते हैं. कामों की व्यस्तता के चलते यहां नहीं आ सकते हैं.

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