उज्जैन ।बाबा महाकाल की सवारी का रास्ता बदलने से अखिल भारतीय हिंदू महासभा के कार्यकर्ताओं में नाराजगी देखी गई. हिंदू महासभा के लोगों ने झांज-मंजीरे बजाकर प्रदर्शन किया और उसके बाद अपर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा. कोरोना संक्रमण के चलते सावन-भादौ महीने में निकलने वाली बाबा महाकाल की सवारी का रास्ता परिवर्तन किया गया है. हिंदू महासभा ने कलेक्टर के नाम ज्ञापन सौंपकर सवारी का रास्ता पहले की तरह करने की मांग की है. हिंदू महासभा कार्यकर्ताओं ने जिला कलेक्टर के नाम ज्ञापन सौंपकर कहा कि यदि जल्द रास्ते को पहले के जैसे नहीं किया गया तो उग्र आंदोलन किया जाएगा.
बाबा महाकाल की सवारी
उज्जैन के महाकालेश्वर भगवान की हर साल सवारी निकाली जाती है. बाबा महाकाल को मुख्य गेट पर गार्ड ऑफ ऑनर दिया जाता है, जिसके बाद महाकाल पालकी में सवार होकर शहर का भ्रमण करते हैं. पूरे शहर में घूमकर महाकाल अपनी प्रजा का हाल जानते हैं, साथ ही क्षिप्रा नदी के घाट पर पालकी पहुंचती है, जहां क्षिप्रा के जल से महाकाल का पूजन किया जाता है. वैसे तो महाकाल के दरबार में साल भर श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है, लेकिन सावन के महीने में काफी श्रद्धालु यहां पहुंचते हैं और भगवान का आशीर्वाद लेते हैं.