Guru Chandal Yog:ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जब भी नक्षत्रों के बदलाव से गुरु चंडाल योग बनता है तब राशि जातकों की कुंडली में गुरु यानी बृहस्पति कमजोर स्थिति में आजाता है. जिसके प्रभाव से जीवन में नकारात्मकता हावी होने लगती है. इस वर्ष चैत्र नवरात्रि के बाद यही अशुभ योग मेष राशि में बनने जा रहा है. जिसका प्रभाव राशि चक्र की तीन राशियों पर पड़ेगा या कहें, इन राशियों के बुरा दौरा देखने को मिलेगा.
मेष राशि में बनेगा योग: जब भी राशि में ग्रहों का गोचर या मिलन होता है तब इसका असर राशि चक्र के सभी जातकों को किसी ना किसी रूप में प्रभावित करता है. नवरात्र के एक माह बाद 22 अप्रैल को भी मेष राशि में एक योग का निर्माण होगा लेकिन अशुभ योग का जो इस राशि में पहले से मौजूद राहु और उस दिन राशि में प्रवेश करने जा रहे बृहस्पति ग्रह के एक साथ आने से बनेगा. ज्योतिष शास्त्र में इसे गुरु चंडाल योग के नाम से जाना जाता है.
कुंडली में गुरु का प्रभाव कम करता है गुरु चांडाल योग:बात अगर गुरु चंडाल योग के प्रभाव की करें तो, गुरु चंडाल योग का निर्माण राहु और बृहस्पति ग्रहों के किसी राशि में एक साथ मौजूद रहने पर पड़ता है. तब राहु बृहस्पति के प्रभाव को कम करने का काम करता है. जिसके प्रभाव से राशि जातक का जीवन नकारात्मकता से भर जाता है, वह पुण्य और धर्म की राह से भटकने लगता है और पाखंड कुकर्म और छल जैसे कार्यों की ओर बढ़ जाता है.
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इन राशियों पर पड़ेगा दुष्प्रभाव:आगामी 22 अप्रैल को मेष राशि में गुरु चंडाल योग का निर्माण होगा जिसकी वजह से तीन प्रमुख राशियां मेष, मिथुन और धनु पर इसका दुष्प्रभाव पड़ेगा. ऐसे में इन राशि जातकों को बेहद सावधानी बरतनी होगी.
मेष:आने वाली 22 अप्रैल से अगले छह महीने तक इस राशि के जातकों के लिए बहुत ही भारी रहने वाले हैं. स्वास्थ्य प्रभावित होगा साथ ही आर्थिक रूप से भी नुकसान और संकट की स्थिति बन सकती है. कार्यक्षेत्र में भी बनते काम में रुकावट आ सकती है. साथ ही बड़ी डीलिंग में निराशा मिलने की सम्भावना है. इसका बड़ा कारण है की इसी राशि में गुरु चांडाल योग लग्न भाव में बनेगा, जिसका बुरा प्रभाव इस राशि के जातकों के जीवन में नकारात्मकता भरा समय दिखाएगा.