उज्जैन। कोरोना वायरस के कारण लोगों को घरों से बहार जाने नहीं दिया जा रहा है. इसी कारण से निचली बस्ती में रहने वाले मजदूरों के लिए दो वक्त खाना भी मुश्किल बन गया है. इसकी एक तस्वीर आगर रोड़ पर सेंटपॉल स्कूल के पास देखने को मिला.
भूख की बेबसी: सड़क पर पड़े गेहूं के दाने को उठाने को मजबूर बच्ची
लॉकडाउन की वजह से सबसे ज्यादा असहाय और तकलीफ में कोई है तो वो है रोज कमाकर खाने वाला श्रामिक, ऐसे में उज्जैन की सड़क पर गिरे कुछ गेहूं को उठाती एक बच्ची की तस्वीर सामने आई है जो इनकी भूख की दास्तां बयां करती है.
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सेंटपॉल स्कूल के पास रहने वाली आरती झोपड़ी में रहती है. सड़क पर गाड़ी से कुछ गेहूं के दाने गिर गए थे, जिन्हें आरती ने देख लिया और बच्ची भरी धूप में इन्हें थैले में भरने लगी. गेहूं का एक-एक दाना बटोर कर वो अपने घर ले गई.
ऐसे दृश्यों को देखकर सवाल ये खड़ा होता है कि जो सरकार गरीबों के घर तक भोजन और राशन पहुंचाने का दावा कर रही है उसकी हकीकत क्या है. प्रशासन और सरकार को इस ओर कुछ करने की जरूरत है.