उज्जैन।महाकालेश्वर मंदिर में प्रातः काल होने वाली भस्म आरती में श्रद्धालुओं के साथ ठगी की वारदात अक्सर सामने आती है. मीडियाकर्मी के नाम से बनी परमिशन में मंदिर समिति के ही कर्मचारियों ने कंप्यूटर पर दिल्ली से आए श्रद्धालुओं के नाम चढ़ाए और अनुमति जारी कर दी. लेकिन कर्मचारी यह भूल गए कि परमिशन में क्यूआर कोड होता है और जैसे ही स्कैन करते हैं उसमें सामने वाले का नाम आ जाता है. ऐसा ही हुआ.
क्यूआर कोड स्कैन करते ही मामला पकड़ा :दिल्ली से आए श्रद्धालुओं ने ₹4500 में भस्म आरती की परमिशन कराई. इसके बाद जैसे ही भस्मारती में पहुंचे तो गेट पर बैठे कर्मचारी ने क्यूआर कोड स्कैन किया तो परमिशन किसी और व्यक्ति के नाम निकली. महाकाल मंदिर प्रबंधक समिति के प्रशासक ने तत्काल दोनों कर्मचारियों के खिलाफ महाकाल थाने में मामला दर्ज करवाया. महाकाल मंदिर की भस्म आरती की परमिशन मीडिया के नाम से थी. उसके साथ छेड़छाड़ की गई.
मीडिया के नाम पर थी परमिशन :महाकाल मंदिर प्रोटोकॉल कार्यालय से 16 अप्रैल को एक टीवी चैनल के नाम पर अनुमति बनवाई गई थी. इसमें बाकायदा चैनल का लेटर लगाकर अनुमति ली गई. वहीं जिनके नाम पर यह परमिशन करवाई गई थी. महाकाल मंदिर के दो कर्मचारियों ने उसी अनुमति को दिल्ली से आए श्रद्धालु से 4500 रु लेकर उनके नाम कंप्यूटर पर एडिटिंग कर चढ़ा दी. ये कर्मचारी भूल गए कि परमिशन में क्यूआर कोड होता है. उसे स्कैन किया जाता है, जिससे श्रद्धालुओं के नाम और जानकारी कंप्यूटर पर बैठे व्यक्ति के सामने आ जाती है.