उज्जैन। शहर में जहरीली शराब पीने से हुई 16 लोगों की मौत के मामले में चार पुलिसकर्मियों के बाद अब एक और अधिकारी पर भी गाज गिर गई है. मामले में नगर निगम प्रभारी सहायक आयुक्त सुबोध जैन को निलंबित कर दिया गया है. इसके पहले इन आरोपियों का साथ देने वाले चार पुलिसकर्मियों पर पहले ही सस्पेंड कर दिया गया था. लिहाजा यह पुलिसकर्मी जिस थाने में काम करते थे, उसी थाने में उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है.
उज्जैन शराब कांड: 4 पुलिसकर्मियों पर गिरी गाज नगर निगम प्रभारी सहायक आयुक्त सुबोध जैन को काम में लापरवाही बरतने के चलते निलंबित किया है. मुख्य आरोपी सिकंदर और गब्बर दोनों ही सुबोध जैन के अंडर कार्यरत थे. इसके पहले पुलिस दोनों मुख्य आरोपी निगमकर्मी गब्बर और सिंकदर को पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है. वहीं गब्बर और सिकंदर के जूना स्थित अवैध रूप से बने मकानों के हिस्सों को भी प्रशासन ने जमींदोज कर दिया है. यहां भारी संख्या में पुलिस बल तैनात रहा, दोनों आरोपियों के मकानों को निगम की टीम ने कुछ ही देर में तोड़ दिया.
पुलिसकर्मी हुए सस्पेंड
दरअसल जांच में पता चला है कि घटना में खाराकुआं के दो आरक्षक अनवर और नवाज पर एफआईआर दर्ज कर ली गई है. वहीं महाकाल थाना आरक्षक बंटी उर्फ इंद्र विक्रम सिंह और सुरेश खोड़े को भी उज्जैन एसपी ने सस्पेंड कर दिया है. शनिवार को दोनों आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है, जहां अब मुख्य आरोपी गब्बर और सिकंदर और यूनुस को खांराकुवा थाने में लाया गया है. वहीं घटना की जानकारी लेने के लिए एसपी मनोज कुमार सिंह और कलेक्टर आशीष सिंह खारा कुआं थाने पहुंचे थे.
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अब तक 147 लोगों की हुई गिरफ्तारी
शराब कांड के बाद जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन ने एक साथ कार्रवाई शुरू की है, जिसके अंतर्गत करीब 147 लोगों की अब तक गिरफ्तारी हो चुकी है. एसपी मनोज कुमार सिंह ने कहा कि गब्बर और सिकंदर के साथ जहरीले व्यवसाय में सहयोग करने वाले खाराकुंआ के दो आरक्षक अनवर और नवाज के खिलाफ पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है. इसके साथ-साथ पुलिस की जांच में यह भी पता चला था कि जहरीली शराब मामले में महाकाल थाना के भी 2 पुलिसकर्मी शामिल थे इसी के चलते आरक्षक इंद्र विक्रम सिंह और सुरेश खोड़े को सस्पेंड कर दिया है. गवाहों से यह भी पता चला कि गब्बर और सिकंदर ने कुछ दिन पहले ही 500 रुपए देकर झींजर बनाने का काम कहार बाड़ी में रहने वाले शंकर नाम के युवक से सीखा था, लेकिन दोनों आरोपी स्प्रिट और अन्य केमिकल को बनाने में कुछ चूक कर गए, जिसका फॉर्मेशन गड़बड़ हो गया और शराब जहरीली हो गई.
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क्या था मामला
- 14 अक्टूबर को थाना खारा कुआं अंतर्गत छत्री चौक पर गोपाल मंदिर इलाके में कुछ लोगों ने सड़क किनारे सात लोगों को गिरा हुआ देखा. जिसके बाद तुरंत पुलिस को जानकारी दी गई.
- जानकारी के आधार पर मौके पर पहुंची पुलिस ने सभी युवकों को इलाज के लिए अस्पताल लेकर पहुंची, जहां डॉक्टरों ने दो लोगों को मृत घोषित कर दिया.
- इलाज के दौरान ही पांच और युवकों की मौत हो गई.
- दो दिनों में शहर के तीन थाना क्षेत्रों में 16 लोगों की मौत का मामला सामने आया, जिनकी मौत जहरीली शराब पीने से हुई.
- मामले में सीएम शिवराज ने अधिकारियों से रिपोर्ट मांगी और SIT से जांच कराने के भी निर्देश दे दिए.
- जांच में चार अधिकारियों पर गाज गिरी, जिसके बाद एक थाना प्रभारी समेत चार लोगों को सस्पेंड किया गया.
- मामले में पूर्व सीएम कमलनाथ ने शिवराज सरकार पर निशाना साधा और सवाल पूछा कि उज्जैन में शराब माफिया ने लोगों की जानें ली, परिवार बर्बाद हुए. शिवराज जी, ये माफिया कब तक यूं ही निर्दोषों की जान लेते रहेंगे ?
- सीएम शिवराज ने अपराधियों को चेतावनी देते हुए कहा कि दोषियों को ऐसी सजा देंगे कि वो कांप जाएंगे.
- शहर में हुई मौतों के बाद अलग-अलग इलाकों में आला अधिकारियों की 5-5 सदस्यों की पांच टीम ने चेकिंग अभियान चलाया और देर रात फुटपाथ पर सो रहे मजदूरों को वहां से उठाकर हटा दिया. साथ ही उनसे बातचीत कर उन्हें समझाइश दी गई.