उज्जैन। चंद्र ग्रहण को लेकर पंडित आनंद शंकर व्यास ने कहा कि चंद्र ग्रहण की दो श्रेणी होती है, दो प्रकार के ग्रहण में एक चंद्र ग्रहण और एक माध्य चंद्र ग्रहण होता है, जो की एक उप छाया समान है. जिसमें चंद्रमा थोड़ा मलिन पिलपिला दिखाई पड़ता है और इसका कोई मान्य नहीं है. इसमें कोई पालन नहीं करना होता जैसे स्नान दान, सूतक कुछ भी नहीं. जो स्पष्ठ ग्रहण की श्रेणी में होता है. केवल उसी ग्रहण का पालन किया जाता हैं. सबसे खास बात जो ग्रहण जिस क्षेत्र में दिखाई देता है, उसी क्षेत्र में उसका पालन किया जाता है. जहां दिखाई नहीं देता वहां पालन भी नहीं किया जाता.
- इस साल में चार ग्रहण, चारो का असर नहीं
उज्जैन पंडित आनंद शंकर व्यास ने कहा कि साल भर में चार ग्रहण होगें, लेकिन चारों का असर इसबार नहीं दिखाई देगा. किसी राशि पर भी इसका नहीं होगा. असर केवल विदेशों में होगा भारत में नहीं.