उज्जैन शिप्रा नदी में मिला नाले का गंदा पानी उज्जैन।मोक्ष दायनी मां शिप्रा नदी में अब सीवरेज का गंदा नाला मिलने लगा है, हजारों गेलन गंदा पानी शिप्रा में मिलने से घाट पर बदबू व गंदगी का अंबार लग गया है. शिप्रा नदी में श्रद्धालु स्नान कर रहे थे, इसी दौरान अचानक नाले का पानी लोगों तक पहुंच गया. घाट पर पूजन पाठ करवा रहे पंडा पुजारी भी इससे प्रभावित हुए, सूचना मिलते ही मौके पर नगर निगम का अमला पहुंचा और कड़ी मशक्कत के बाद स्थिति पर काबू पाया गया. बता दें कि स्मार्ट सिटी के द्वारा टाटा कंपनी को पाइप लाइन डालने का प्रोजेक्ट दे रखा है, लेकिन कंपनी के इंजीनियरों ने इतनी बड़ी गलती कर दी कि अब इसका खामियाजा आम श्रद्धालु भुगत रहे हैं.
शिप्रा नदी में मिला गंदा पानी: उज्जैन शहर के गंदे नालों के पानी को मिलने से रोकने के लिए स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत ठेकेदारों द्वारा मेन लाइन डाली गई थी, जिससे गंदा पानी बाहर हो सके. सुबह अचानक लाइन डैमेज हुई, जिसकी वजह से गंदा पानी शिप्रा नदी में मिल गया. जांच के बाद ठेकेदार के विरुद्ध जो भी वैधानिक कार्रवाई होगी वो की जाएगी. फिलहाल नाले के पानी को शिप्रा नदी में मिलने से रोक दिया गया है. सफाई का कार्य नगर निगम द्वारा शुरू कर दिया गया है.
प्रशासन करें जांच: तैराक दल सदस्य संतोष ने कहा कि "रविवार को गंगा दशहरा का दूसरा दिन था. उसी के चलते यहां लोग एकत्रित हो रहे थे, लेकिन अचानक नालों का पानी आने लगा. इसकी वजह से काफी श्रद्धालु आहत हुए हैं. प्रशासन से मेरा यही निवेदन है कि शिप्रा नदी में मिलने वाले गंदे नालों का पानी और रविवार अचानक हुई इस घटना को लेकर गंभीरता से जांच की जाए. कई लोग मां शिप्रा में स्नान के लिए हर रोज यहां पहुंचते हैं."
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पंडा समिति ने जताई नाराजगी:पंडित राजेश त्रिवेदी ने कहा कि "कई सालों से अलग-अलग जगह से शिप्रा में पानी मिल रहा है, लेकिन रविवार जिस तरह से यहां नालों का पानी मिला वो बेहद शर्मनाक है. हम तो हमेशा से इस बात का विरोध करते आ रहे हैं, शासन से यही कहना है कि नर्मदा मां का जल मां शिप्रा में छोड़ा जाए, जिससे यहां आने वाले दर्शनार्थियों को स्वच्छ जल में स्नान करने का अवसर मिलता रहे. यहां नौसिखिया अधिकारियों और कर्मचारियों को लगाकर काम करवाया जा रहा है."