उज्जैन।जिले के विक्रम विश्वविद्यालय में श्री रामचरितमानस को लेकर विज्ञान और संस्कृति का पाठ्यक्रम शुरू कर दिया गया है. जिसमें छात्रों को सतयुग की शिक्षा को विज्ञान के माध्यम से रूबरू कराया जाएगा. जिसमें बताया जाएगा कि राम नाम के पत्थर कैसे पानी में तैरे, कैसे आकाशवाणी होती थी, बलि के पास ऐसी कौन सी विद्या थी जिससे वह हर रोज पृथ्वी के 5 चक्कर लगाते थे. श्री रामचरितमानस में इन सबके धार्मिक प्रासंगिक हैं, लेकिन विश्वविद्यालय में अब इसमें विज्ञान की भूमिका को समझाया जाएगा.
विक्रम विश्वविद्यालय में शुरू हुआ श्री रामचरितमानस पर कोर्स, 28 दिसंबर तक दे सकते हैं आवेदन - श्री रामचरितमानस
उज्जैन जिले के विक्रम विश्वविद्यालय में श्री रामचरितमानस में विज्ञान और संस्कृति के पाठ्यक्रम की शुरूआत की गई है. इसके लिए छात्र 28 दिसंबर तक एमपी ऑनलाइन के जरिए आवेदन कर सकेंगे.
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विक्रम विश्वविद्यालय में शुरू हुआ श्री रामचरितमानस पर कोर्स
विक्रम विश्वविद्यालय में शुरू हुआ श्री रामचरितमानस पर कोर्स
विक्रम यूनिवर्सिटी के अखिलेश कुमार पांडे ने बताया कि देश में संभवत: सबसे पहला यह पाठ्यक्रम होगा, जिसमें छात्रों को पढ़ाने के लिए अयोध्या से वैदिक विद्वानों को आमंत्रित किया गया है. इस पाठ्यक्रम को 20 सीटों के साथ शुरू किया गया है. प्रवेश के लिए इच्छुक विद्यार्थी 28 दिसंबर तक एमपी ऑनलाइन के जरिए आवेदन कर सकेंगे. इस पाठ्यक्रम के माध्यम से छात्रों को रामचरितमानस में ज्ञान-विज्ञान और संस्कृति और भौतिक के साथ औषधियों के बारे में भी बताया जाएगा.
Last Updated : Dec 21, 2020, 7:55 PM IST