उज्जैन। जिले के घौंसला गांव से लेकर महिदपुर तक बनी सड़क भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई. कुछ साल पहले वीवीएस कंस्ट्रक्शन कंपनी ने सड़क निर्माण का टेंडर लिया था, जिसमें पुलिया बनाने के काम से लेकर बारिश का पानी नालों में पहुंचाने तक का काम था, लेकिन कंपनी ने पुलिया का निर्माण इतनी घटिया क्वालिटी में किया कि अगर वाहन पुलिया से निकलते हैं तो पूरी पुलिया कांपने लगती है. ऐसे हालातों में मजबूरन ग्रामीणवासियों को जान जोखिम में डालकर पुलिया से गुजरना पड़ता है.
सड़क चढ़ी भ्रष्टाचार की भेंट मेंटेनेंस के नाम पर करोड़ों की चपत
खास बात ये है कि कंपनी ने 10 करोड़ रुपये मेंटेनेंस के नाम पर लिये थे, लेकिन मेंटेनेस तो हुआ नहीं, गड्ढों में सड़क जरूर हो गई. कंपनी की घौंसला से लेकर महिदपुर तक सड़क के दोनों साइड ग्रामीण क्षेत्रों में बड़े पाइप डालकर पानी निकासी का काम सौंपा गया था, लेकिन कंपनी ने कोई काम नहीं किया और करोड़ों की सड़क भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गए.
पानी निकासी का भी नहीं हुआ काम
घौंसला गांव से करीब आधा किलोमीटर दूरी पर बनाई गई घौंसला नाले की पुलिया पर जैसे ही वाहन दौड़ते है तो पुलिया कंपन करती है. वहीं जब 50 फीट दूरी पर पानी की निकासी नहीं होने पर वाहन पानी में डूब जाते हैं. यहां से निकलने पर ग्रामीण बेहद परेशान हो रहे हैं.
गड्ढों में गिरकर राहगीर होते हैं चोटिल
ग्रामीणों ने बताया कि घौंसला से महदिपुर तक रोड जब से बना है, तब से घौंसला गांव की इस पुलिया पर बारिश का पानी भर जाता है और बाइक वाले गिरते हैं और चोटिल होते हैं. पुलिया पर पानी भरा होने के कारण आसपास के रहवासियों को भी काफी परेशानी होती है और अभी तो बारिश शुरू ही हुई है और यहां रोजाना इन गड्ढों में राहगीर चोटिल होते हैं.
जब इसकी शिकायत सीएम हेल्पलाइन और सोशल मीडिया पर फोटो वीडियो वायरल किये गए तो पीडब्ल्यूडी अधिकारियों ने पाइप डलवाने के लिए 5-6 फीट गहरे गड्ढे खुदावा दिये, जो लोगों के लिए और ज्यादा परेशानी का सबब बन गए हैं क्योंकि बारिश होने पर इन गड्ढों में पानी भर जाता है, जो पानी भरे होने के कारण दिखाई भी नहीं देतेा और लोग इन गड्डों में गिरते हैं.