उज्जैन। देवास के अमलतास अस्पताल में भर्ती कोरोना से ग्रसित अनिल ने सोशल मीडिया पर वीडियो पोस्ट कर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मदद की गुहार लगाई है. वीडियों में अनिल ने कहा है कि मामाजी मेरी मदद किजिए, मेरा यहां कोई नहीं है, मुझे मेरी बहन को देखना है, यहां कोई मदद नहीं कर रहा है. यह सब बातें अनिल ने रोते हुए सोशल मीडिया पर अपलोड की. अनिल के दोस्त सौरभ का कहना है कि अनिल का उसकी बहन के अलावा कोई नहीं है.
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दरअसल जिले की तहसील नागदा निवासी 32 वर्षीय अनिल साहनी देवास के अमलतास अस्पताल के ICU में 6 दिनों से भर्ती है, जो जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहा है. उनके माता पिता की पहले ही मौत हो चुकी है. 20 साल की बहन है, जिसकी दोनों किडनी खराब है, जिसका अनिल पिछले ढ़ाई साल से डायलीसिस भी करवा रहे है. अनिल ही उस बच्ची की मां और पिता है, लेकिन अब कोविड पॉजिटिव होने के बाद लगातार अनिल की हालत बिगड़ती जा रही है, अनिल ने रोते हुए सोशल मीडिया पर वीडियो अपलोड करते हुए सीएम शिवराज से कहा कि ऑक्सीजन की कमी से जूझ रहा हूं, कोई ध्यान देने वाला नहीं है, मेरा बस आखरी सहारा आप ही है, प्लीज मेरी मदद कीजिए मामाजी मुझे नई जिंदगी दे दो. कम से कम मेरी बहन को अनाथ होने से बचा लो.
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- 90 प्रतिशत लंग्स इंफेक्शन
इंदौर में ऑनलाइन कपड़ों का व्यसाय करने वाले अनिल साहनी के बचपन के दोस्त सौरभ मिश्रा ने बताया कि वे और अनिल दोनों बचपन के दोस्त है और अनिल ग्रेसिम में काम करता है. मैं इंदौर में व्यसाय करता हूं, कोरोना कर्फ्यू लगा तो मैं नागदा चला आया. लेकिन अनिल साहनी की तबियत खराब होने लगी, टेस्ट करवाने पर अनिल की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई. जिसके बाद लगातार ऑक्सीजन का लेवल गिरने से 25 अप्रेल को नागदा से अमलतास देवास में भर्ती कराया गया. सिटी स्केन में पता चला कि अनिल को 90 प्रतिशत तक लंग्स में इंफेक्शन है. अब अनिल को बाइपेप मशीन की जरुरत पड़ने लगी, लेकिन अस्पताल में ना तो मशीन है और ना ही ऑक्सीजन का फ्लो. जिसके कारण अनिल की हालत खराब होने लगी. अनिल को जल्द से जल्द बाइपेप मशीन की जरुरत है, लेकिन अस्पताल ने हाथ खड़े कर दिए है. जिसके चलते जब कोई सुनने वाला नहीं मिला तो अनिल ने मामाजी सीएम शिवराज सिंह को लेकर एक वीडियो पोस्ट किया.
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- अपनों ने छोड़ा साथ, दोस्त ने निभाई दोस्ती
कोरोना महामारी के इस दौर में अपने अपनों का साथ छोड़ रहे है, ऐसे में मानवता की मिसाल कायम करने वाला अनिल का दोस्त सौरभ मिश्रा ही उसके काम आया. सौरभ तो कोरोना कर्फ्यू के दौरान नागदा में आया था, लेकिन नागदा में अनिल की हालत बिगड़ते देख वो अनिल को अमलतास अस्पताल ले गया. अब सौरभ ही अपने मित्र अनिल साहनी का धयान भी रख रहा है.