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उज्जैनः जहरीली शराब कांड के विरोध में कांग्रेस का प्रदर्शन, गोपाल मंदिर पर दिया धरना - कांग्रेस

उज्जैन में जहरीली शराब के मामले को लेकर कांग्रेस ने धरना दिया है. पूरे मामले में मजिस्ट्रेट जांच और अन्य अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की गई है. साथ ही 12 मृतकों के परिवार वालों को मुआवजा मिले, इसके साथ-साथ इस पूरे मामले में अन्य अधिकारियों की मिलीभगत की भी जांच की भी बात कही है.

congress during protest
धरना देते कांग्रेसी

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Published : Oct 20, 2020, 12:30 PM IST

उज्जैन। शहर कांग्रेस ने आज जहरीली शराब मामले को लेकर गोपाल मंदिर पर धरना प्रदर्शन किया है. उज्जैन जहरीली शराब के मामले में उज्जैन कांग्रेस ने छत्री चौक पर प्रदर्शन किया है. पूरे मामले में मजिस्ट्रेट जांच और अन्य अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की है.

कांग्रेस का प्रदर्शन
जहरीली शराब कांड में अब राजनीति शुरू हो गई है, दरअसल सरकारी आंकड़े के हिसाब से 16 लोगों की मौत के बाद राज्य सरकार ने 12 अधिकारियों पर कार्रवाई जरूर की है, लेकिन कांग्रेस पार्टी इससे संतुष्ट नजर नहीं आ रही है. पार्टी का दावा है कि कई भ्रष्ट अधिकारी जांच के दायरे से बाहर हैं. ऐसे में सरकार को जांच करानी चाहिए. साथ ही 16 मृतकों के परिजनों को मुआवजा देना चाहिए.

कांग्रेस नेताओं का कहना है कि यह पूरा मामला बेहद गंभीर है. इस मामले की मजिस्ट्रेट जांच की जानी चाहिए. इस पूरे मामले को लेकर आज कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने छतरी चौक पर 2 घंटे तक विरोध प्रदर्शन किया. उन्होंने मध्यप्रदेश सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की है.

क्या है पूरा मामला

बता दें, 14 अक्टूबर को थाना खारा कुआं अंतर्गत छत्री चौक पर गोपाल मंदिर इलाके में कुछ लोगों ने सड़क किनारे सात लोगों को गिरा हुआ देखा. जिसके बाद तुरंत पुलिस को जानकारी दी गई. जानकारी के आधार पर मौके पर पहुंची पुलिस ने सभी युवकों को इलाज के लिए अस्पताल लेकर पहुंची, जहां डॉक्टरों ने दो लोगों को मृत घोषित कर दिया. इलाज के दौरान ही पांच और युवकों की मौत हो गई. दो दिनों में शहर के तीन थाना क्षेत्रों में 16 लोगों की मौत का मामला सामने आया, जिनकी मौत जहरीली शराब पीने से हुई.

मामले में सीएम शिवराज ने अधिकारियों से रिपोर्ट मांगी और SIT से जांच कराने के भी निर्देश दे दिए. जांच में चार अधिकारियों पर गाज गिरी, जिसके बाद एक थाना प्रभारी समेत चार लोगों को सस्पेंड किया गया. शहर में हुई मौतों के बाद अलग-अलग इलाकों में आला अधिकारियों की 5-5 सदस्यों की पांच टीम ने चेकिंग अभियान चलाया और देर रात फुटपाथ पर सो रहे मजदूरों को वहां से उठाकर हटा दिया. साथ ही उनसे बातचीत कर उन्हें समझाइश दी गई. जिसके बाद अब कांग्रेस सरकार पर निशाना साध रही है, साथ ही मामले में पूरे मामले में मजिस्ट्रेट जांच और अन्य अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग कर रही है.

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