उज्जैन। नवरात्रि की अष्टमी के मौके पर उज्जैन में परंपरा के अनुसार नगर पूजा का आयोजन किया गया. कलेक्टर ने चौबीस खंबा माता मंदिर में पूजन अर्चन कर शराब का भोग लगाया और मंदिर में आरती की. मान्यता के अनुसार कलेक्टर मां महालया और महामाया माता को मदिरा का भोग लगाकर नगर पूजा की शुरुआत करते हैं. इसके बाद चल समारोह के रूप में शहर के भैरव मंदिरों में जाकर शराब का भोग लगाया जाता है. इस चल समारोह के दौरान लगातार शराब की धार बहायी जाती है. माना जाता है कि ये परंपरा राजा विक्रमादित्य के समय से चली आ रही है. मान्यता ये पूजा बाबा महाकाल के शहर को महामारी, बीमारियों और अन्य बुरी चीजों से बचाती है.
27 किमी तक बहायी जाती है शराब की धार
हर साल इस पूजा की शुरुआत कलेक्टर करते हैं. इस बार भी चौबीस खंबा माता मंदिर में माता का पूजन-अर्चन कर कलेक्टर आशीष सिंह ने नगर पूजा की शुरुआत की. इस दौरान पूजा के बाद कलेक्टर भी कुछ दूर तक शराब की हंडी लेकर चल समारोह में पैदल चले. मान्यता है कि इस पूजा से शहर के आसपास शराब की धार से एक सीमा बनाई जाती है, यानी एक तरह से शहर को बीमारियों और महामारी से बचाने के लिए सील कर दिया जाता है. इस बार भी कलेक्टर ने चौबीस खंबा माता की पूजन अर्चन कर शहर की रक्षा करने की प्रार्थना की. इस पूजा में शहर में कुल 27 किलोमीटर लंबी शराब की धार लगाकर 40 मंदिरों में जाकर पूजा की जाती है.