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कुल 12 सवारी लेकर उज्जैन से इंदौर पहुंची बस, नहीं मिल रहे यात्री, संचालक परेशान - सरकार से मदद की गुहार

पिछले 6 महीने से बंद पड़ीं यात्री बसों को मध्य प्रदेश सरकार ने भले ही चलाने की अनुमति दे दी है, लेकिन बस संचालकों को सवारी नहीं मिल रही हैं. जिससे बस ऑपरेटरों को ड्राइवर और कंडक्टर का और डीजल का खर्चा निकालना भी मुश्किल हो रहा है.

Loss to bus operators
बस ऑपरेटरों को हो रहा नुकसान

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Published : Sep 6, 2020, 4:50 PM IST

Updated : Sep 6, 2020, 5:06 PM IST

उज्जैन। करीब 160 दिनों से भी अधिक बंद पड़ी यात्री बसों को दोबारा शुरू करने की अनुमति मध्य प्रदेश सरकार ने भले ही दे दी हो, लेकिन उज्जैन से अन्य शहरों की ओर जाने वाले बसों को यात्री नहीं मिल पा रहे है. जिससे बस ऑपरेटरों को ड्राइवर और कंडक्टर सहित डीजल का खर्चा निकालना भी मुश्किल हो रहा है. ऐसे में एक बार फिर बस ऑपरेटरों ने सरकार से अपनी मांगों को लेकर गुहार लगा रहे है.

बस ऑपरेटरों को हो रहा नुकसान

बस ऑपरेटर और उज्जैन टूर एंड ट्रेवल्स एसोसिएशन अध्यक्ष नवीन यादव का कहना है कि पहले दिन बसों की शुरुआत नानाखेड़ा बस स्टैंड से हुई थी. उज्जैन इंदौर रोड पर जो बसे लॉकडाउन से पहले 15 मिनट में फुल हो जाती थी. अब वह बस कल पहले ही दिन 5 घंटे में मात्र 12 सवारी लेकर इंदौर पहुंचीं. जिससे गाड़ी का डीजल का भी खर्चा नहीं निकल पाया रहा.

वहीं सरकार ने टैक्स जरूर माफ कर दिया है लेकिन 160 दिन से खड़ी गाड़ियों का मेंटेनेंस इतना भारी पड़ रहा है कि बस ऑपरेटरों को चलाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. इसी की वजह से बस ऑपरेटर इक्का-दुक्का बसों का संचालन करने का मन बनाया है. नवीन यादव का कहना है कि डीजल के दाम बढ़ने के बाद सरकार को किराए में वृद्धि करनी चाहिए ताकि बस ऑपरेटर बस का संचालन सुचारू रूप से कर सकें. फिलहाल उज्जैन के नानाखेड़ा बस स्टैंड से रोजाना भोपाल ,देवास ,आगर ,शाजापुर ,मक्सी, तराना सहित अन्य शहरों के लिए चलने वाली गाड़ियां अभी नहीं चल पा रही हैं. सिर्फ इंदौर शहर के लिए बसें शुरू की हैं.

Last Updated : Sep 6, 2020, 5:06 PM IST

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