उज्जैन। जिले में एयर केबल ऑपरेटर एसोसिएशन ने आरटीआई के माध्यम से प्राइवेट कंपनियों की मनमानी का खुलासा किया है, जिसमें प्राइवेट कंपनियां जो कि रिलायंस जिओ, एयरटेल जैसी नामी आठ कंपनियों पर आरोप है कि इन कंपनियों ने शहर में लगे बिजली के पोल पर तारों का जाल बिछा रखा है और बिजली विभाग का बकाया पैसा भी विभाग को जमा नहीं कराया है. उज्जैन केबल ऑपरेटर ने इकट्ठा होकर बिजली कार्यालय ज्योति नगर के दफ्तर में हल्ला बोला और उज्जैन के केवल ऑपरेटर एसोसिएशन ने आरटीआई के तहत शहर में काम कर रही 8 प्राइवेट कंपनियों के जगह-जगह पोल पर बिछाए गए तारों की जानकारी को लेकर अधिकारियों से बात की है.
उज्जैन: जियो और एयरटेल का करोड़ों का बिल बकाया, RTI से हुआ बड़ा खुलासा
उज्जैन में RTI के जरिेए एक खुलासा जिसमें पता चला है कि जियो और एयरटेल का करोड़ों का बिल बकाया है. एयर केबल ऑपरेटर एसोसिएशन ने आरटीआई ने RTI लगाई थी. साथ ही एसोसिएशन के अध्यक्ष बलविंदर सिंह का कहना है कि अगर हमारी सुनवाई नहीं होती है तो हम इसको लेकर कोर्ट में जाएंगे.
आरटीआई में पता चला है कि उज्जैन शहर में कितनी कंपनियों को पोल पर वायर बांधने की परमिशन है और इनका कितना रुपए बकाया है. आरटीआई के तहत जानकारी मिली है कि शहर के केवल दो कंपनियों को ही अनुमति है, लेकिन एसोसिएशन के अध्यक्ष बलविंदर सिंह का आरोप है कि शहर में आठ कंपनियों ने वायर के जाल बिछा रखे हैं. इसके पहले भी दो बार बलविंदर सिंह केवल एसोसिएशन के साथ इसकी शिकायत कर चुके हैं लेकिन, जानकारी भी भ्रमित करने वाली मिलती है. पिछले साल बताया गया था कि कंपनियों का करीब 85 लाख रुपये बाकाया है. जितना पूर्वी क्षेत्र में है उतना ही पश्चिम क्षेत्र में भी है, इस हिसाब से अभी तक दोनों तरफ से करोड़ों रुपए बकाया है.
एसोसिएशन के अध्यक्ष बलविंदर सिंह का कहना है कि अगर हमारी सुनवाई नहीं होती है तो हम इसको लेकर कोर्ट में जाएंगे. इस पूरे मामले में बिजली विभाग के अधिकारी पुनीत दुबे ने मीडिया से चर्चा में कहा कि हम मामले में विवेचना कर रहे हैं. एक सप्ताह का समय दीजिए मंगलवार तक आपको हम बताएंगे क्या इसमें कार्रवाई की जानी है.