उज्जैन।साल 2017 में हुए भोपाल-उज्जैन पैसेंजर ट्रेन में ब्लास्ट मामले में मंगलवार को लखनऊ की विशेष एनआईए कोर्ट में फैसला सुनाया गया. कुल 9 आरोपियों में से 7 को फांसी 1 को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है. वहीं 1 आतंकी सैफुल्ला की मुठभेड़ में मौत होना बताया गया है. फैसला आते ही ईटीवी भारत ने उज्जैन के उस परिवार से संपर्क किया, जिसके 20 सदस्य इस ट्रेन में सफर कर रहे थे. परिवार के लोग शादी समारोह में शामिल होने के बाद सीहोर से अपने घर उज्जैन लौट रहे थे. आइए जानते हैं परिवार के सदस्यों से उनकी आखों देखी घटना जिसे उन्होंने बयां किया.
मुंह जुबानी सुनिए घटना की कहानी:उज्जैन निवासी 65 साल के बुजुर्ग जगदीश पटवा ने ने बताया कि, "घटना शाजापुर जिले के कालापीपल के पास जबड़ी स्टेशन के पास का है. जब ये घटना हुई तो मैं मेरे परिवार के 20 सदस्यों के साथ सीहोर से उज्जैन शादी समारोह से लौट रहा था. इसी दौरान 09:37 बजे ट्रेन जबड़ी स्टेशन से रवाना हुई. रवाना होते ही जोरदार धमाके की आवाज आई. हम ट्रेन में पीछे से 5वें कोच में बैठे थे. ट्रेन 250 मीटर दूरी पर जाकर अचानक रुकी और 4 लोग उसमें से कूद कर भागते नजर आए. जब धमाके की आवाज से हमने देखा तो एक बुजुर्ग खून में लथपथ दिखाई दिया, फिर कुछ दूरी पर एक बच्ची के भी ऐसे ही हालात में नजर आई. पूरी ट्रेन में हाहाकार मच गया था. आज भी वो खौफनाक मंजर आंखों के सामने अचानक आ जाता है, जब कभी ट्रेन में बैठते हैं तो. कभी ना भुलने वाला वो दृश्य आज भी परिवार के सभी लोगों को याद है. हमारा परिवार किस्मत से बचा था." उज्जैन निवासी मॉन्टी भी उसी ट्रेन में सवार था. मॉन्टी ने बताया कि, "धमाके की जोरदार आवाज आई. तेज धुंआ निकलने लगा. कई लोग खून से लथपथ, हर तरफ घायल लोग नजर आ रहे थे. जिसके बाद भगत की कोठी ट्रेन आई और उसमें शिफ्ट कर सबको भेजा गया."