उज्जैन। सावन के पहले सोमवार को अलसुबह 4:00 बजे बाब महाकाल की भस्म आरती हुई. तड़के सुबह भगवान महाकालेश्वर का दूध-दही से अभिषेक किया गया. जिसके बाद ढोल-नगाड़ों और मंदिर की घंटियों के साथ विधि-विधान से पूजारियों ने महाकाल की भस्म आरती की. इस मौके पर बाबा महाकाल का विशेष शृंगार किया गया और गर्भगृह को चमेली के फूलों से सजाया गया था. हालांकि कोरोना वायरस की वजह से इस बार आरती में श्रद्धालु शामिल नहीं हो सके.
महाकालेश्वर मंदिर में सावन के पहले दिन देर रात 2:30 बजे मंदिर के पट खोले गए. जिसके बाद बाबा महाकाल को जल चढ़ाया गया और फिर पंचामृत अभिषेक कर पूजन के बाद भांग का विशेष शृंगार कर भस्म आरती की गई.
आम दिनों में सावन के पहले सोमवार पर मंदिर परिसर का नंदीहाल, गणेश मंडपम और कार्तिक हाल श्रद्धालुओं से भरा रहता था, लेकिन कोरोना वायरस की वजह से इस बार श्रद्धालु सावन में बाबा महाकाल के दर्शन नहीं कर पाए और पूरा मंदिर परिसर खाली रहा. बता दें कि, बाबा महाकाल के दरबार में देश के साथ ही दुनिया भर से श्रद्धालु आते हैं.
आज शाम 4:00 बजे बाबा महाकाल अपने भक्तों का हाल जानने के लिए शहर के भ्रमण पर निकलेंगे. कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए इस बार महाकाल की सवारी का मार्ग परिवर्तन किया गया है. महाकाल की सवारी में आम श्रद्धालुओं के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाया गया है. साथ ही श्रद्धालुओं से निवेदन किया गया है कि, सोशल मीडिया के माध्यम से घर पर रहकर ही महाकाल के दर्शन करें. श्रद्धालु महाकालेश्वर मंदिर की वेबसाइट और महाकालेश्वर मंदिर के फेसबुक पेज और टि्वटर हैंडल पर जाकर यह लाइव दर्शन कर सकते हैं.