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Ujjain Mahakaleshwar Temple आज उज्जैन के राजा बने बाबा महाकाल, मस्तक पर लगा त्रिसर नेत्र

सोवार को उज्जैन में बाबा महाकाल का भस्म आरती के दौरान पंचामृत अभिषेक किया गया. भगवान का आज भांग, चंदन और अबीर से राजा के रूप में श्रृंगार किया गया और मस्तक पर त्रिपुण्ड, त्रिसर नेत्र, गले में कुंदन जड़ा चांदी का हर व आभूषण धारण कराए. (Ujjain Mahakaleshwar Temple) भगवान महाकाल को भस्मी अर्पित करके आरती की गई और उन्हें विभिन्न प्रकार की मिठाइयों का भोग लगाया गया. बाबा महाकाल ने राजा के रूप में भक्तों को दर्शन दिए.

baba mahakal makeup on 23 january 2023
बाबा महाकाल का राजा के रूप में श्रृंगार

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Published : Jan 23, 2023, 10:04 AM IST

उज्जैन।महाकालेश्वर मंदिर में सोमवार को प्रातः काल 3:00 बजे होने वाली भस्मारती में सबसे पहले भगवान महाकाल को जल अर्पित कर उन्हें स्नान कराया गया. इसके बाद पंडे, पुजारियों द्वारा दूध, दही, घी, शहद, पंचामृत से भगवान का अभिषेक किया गया. इसके पश्चात भगवान महाकाल का पंडे, पुजारियों द्वारा राजा के रूप में अद्भुत श्रृंगार किया गया. श्रृंगार इतना अदभुत था कि भगवान महाकाल के दर्शन कर श्रद्धालुओं आनंदमय हो गए. भगवान महाकाल को भस्मी अर्पित करके आरती की गई, जिसमें बाबा महाकाल को फल और विभिन्न प्रकार की मिठाइयों का भोग लगाया गया. यह देख भक्त भी शिवमय हो गए. (Ujjain Mahakaleshwar Temple)

बाबा महाकाल का राजा के रूप में श्रृंगार

बाबा महाकाल का राजा के रूप में श्रृंगार: भगवान महाकाल का पंडे, पुजारियों द्वारा अबीर भांग और चंदन से राजा के रूप में श्रृंगार किया गया. भगवान ने मस्तक पर त्रिपुण्ड, त्रिसर नेत्र, गले में कुंदन जड़ा चांदी का हर व आभूषण धारण किये. भगवान महाकाल के श्रृंगार में काजू, बादाम, रुद्राक्ष, भांग, अबीर, कुमकुम सहित तमाम चीजों से बाबा को सजाकर राजा के रूप में तैयार किया गया. इसके अलावा भगवान को चांदी का छत्र, रुद्राक्ष की माला, अबीर, कुमकुम, फूलों की माला और कलरफुल वस्त्र पहनाये गये, फिर तमाम प्रकार के फल और मिठाइयों से भोग लगाया गया.

बाबा महाकाल भस्मारती

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भस्मारती के लिए लगी भक्तों की लाइन:उज्जैन के बाबा महाकाल की भस्म आरती के लिए श्रद्धालु रात 12 बजे से ही मंदिर के बाहर लाइन लगाकर खड़े हो जाते हैं. तीन बजे जैसे ही मंदिर के पट खुलते हैं और श्रद्धालुओं को बारी-बारी से मंदिर में परमिशन चेक कर अंदर जाने दिया जाता है. आखिर में महाकाल बाबा का पंडे, पुजारी मंत्रोचारण के साथ जल से अभिषेक कर पंचामृत का अभिषेक करते हैं और भगवान महाकाल का भांग और अविर, चन्दन से हरि हर के रूप में श्रंगार कर बाबा महाकाल को भस्मी अर्पित करते हैं.

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