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Ujjain Mahakaleshwar Temple: बाबा महाकाल का भस्मारती में अद्भुत श्रृंगार, दर्शन के पहुंचे भक्त - Darshan of Nandi Maharaj

उज्जैन में बुधवार को बाबा महाकाल का भस्म आरती के दौरान राजा के रूप में श्रृगार किया गया. भगवान का आज भांग, चंदन और अबीर से राजा के रूप में श्रृंगार किया गया और आभूषण धारण कराए. (Ujjain Mahakaleshwar Temple) भगवान महाकाल को भस्मी अर्पित करके आरती की गई और उन्हें विभिन्न प्रकार की मिठाइयों का भोग लगाया गया. बाबा महाकाल ने राजा के रूप में भक्तों को दर्शन दिए.

Baba Mahakal in Bhasmi
बाबा महाकाल ने राजा रूप में दिये दर्शन

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Published : Jan 18, 2023, 8:38 AM IST

उज्जैन। महाकालेश्वर मंदिर में बुधवार को प्रातः काल 3:00 बजे होने वाली भस्म आरती में सबसे पहले भगवान महाकाल को जल अर्पित कर उन्हें स्नान कराया गया. इसके बाद पंडे, पुजारियों द्वारा दूध, दही, घी, शहद, पंचामृत से भगवान का अभिषेक किया गया. भगवान महाकाल की भस्मारती में भांग और अविर चन्दन से श्रृंगार कर आज राजा के रूप में श्रृंगार किया और मस्तक पर त्रिमुण्ड, तीसरा नेत्र व आभूषण धारण कराए. श्रृंगार इतना अदभुत था कि, भगवान महाकाल के दर्शन कर श्रद्धालुओं आनंदमय हो गए. महाकाल को भांग और अबीर, राजा के रूप में तैयार किया. गुलाब के फूलों की माला व कुंदन जड़े आभूषण व कुंडल धारण कराए गए. बाबा महाकाल ने राजा के रूप में भक्तों को दर्शन दिए.

बाबा महाकाल का राजा के रूप में श्रृंगार

बाबा महाकाल का राजा के रूप में श्रृंगार:भगवान महाकाल का पंडे, पुजारियों द्वारा अबीर भांग और चंदन से राजा के रूप में के रूप में श्रृंगार किया गया. भगवान महाकाल के श्रृंगार में काजू, बादाम, रुद्राक्ष, भांग, अबीर, कुमकुम सहित तमाम चीजों से बाबा को सजाकर राजा के रूप में तैयार किया गया. इसके अलावा भगवान को चांदी का छत्र, रुद्राक्ष की माला, अबीर, कुमकुम, फूलों की माला और कलरफुल वस्त्र पहनाये गये, फिर तमाम प्रकार के फल और मिठाइयों से भोग लगाया गया.

भस्मी में बाबा महाकाल

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भस्मारती के लिए लगी भक्तों की लाइन: उज्जैन के बाबा महाकाल की भस्म आरती के लिए श्रद्धालु रात 12 बजे से ही मंदिर के बाहर लाइन लगाकर खड़े हो जाते हैं. तीन बजे जैसे ही मंदिर के पट खुलते हैं और श्रद्धालुओं को बारी-बारी से मंदिर में परमिशन चेक कर अंदर जाने दिया जाता है. आखिर में महाकाल बाबा का पंडे, पुजारी मंत्रोचारण के साथ जल से अभिषेक कर पंचामृत का अभिषेक करते हैं और भगवान महाकाल का भांग और अविर, चन्दन से हरि हर के रूप में श्रंगार कर बाबा महाकाल को भस्मी अर्पित करते हैं.

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