उज्जैन। होली का पर्व हिंदुओं का एक महत्वपूर्ण पर्व है. इस पर्व को ना सिर्फ हिंदू बल्कि सभी समाज के लोग एक साथ मनाते हैं. होली का पर्व एकता और प्रेम का प्रतीक है. जिसमें होली के 1 दिन पहले यानी पूर्व संध्या को होली का सांस्कृतिक रूप से दहन किया जाता है. होलिका दहन बुराई पर अच्छाई की जीत के पर्व के रूप में मनाया जाता है. होली का त्यौहार का पहला दिन फागुन मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है. इसके अगले दिन रंगों से होली खेलने की परंपरा है, जिसे धुलेंडी आदि नामों से जाना जाता है. इस साल होलिका दहन 28 मार्च को है, उज्जैन के पंडित आनंद शंकर व्यास के अनुसार होली इस बार 19 साल बाद ध्रुव योग में आ रही है. इसके साथ ही सर्वार्थ सिद्धि योग होने के कारण भी सभी राशियों के लिए फलदायक रहेगा.
पंडित आनंद शंकर व्यास, ज्योतिष Holi Horoscope: सदियों बाद बना है ये दुर्लभ संयोग, राशि के हिसाब से ऐसे खेलें होली
सर्वार्थ सिद्धि और ध्रुव योग विशेष संयोग 19 साल बाद
पंडित और ज्योतिष आनंद शंकर व्यास ने बताया कि इस बार 2 योग एक साथ हैं. जिसमें ध्रुव योग 19 साल बाद आया है तो वहीं सर्वार्थ सिद्धि योग होली पर रहेगा, जो कि सभी राशियों के लिए फलदायक होगा. इसके अलावा फागुन माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि पर 28 मार्च दो 21 को सर्वार्थ सिद्धि योग में होली का पूजन होगा. प्रदोष काल में पूजन का सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त है. वहीं हर साल होली पर भद्रा रहित होलिका का दहन होगा. इस बार भद्रा शाम को सूर्यास्त के पहले ही समाप्त हो जाएगा. इस बार सभी राशियों के लिए ध्रुव योग फलदायक होगा.
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विशेष सहयोग के बाद भी सावधानी से मनाएं होली
प्रेम और मिलन और एकता के प्रतीक होली का त्योहार हर साल धूमधाम से मनाया जाता है. ऐसे में ज्योतिषाचार्य ने इस बार विशेष सहयोग तो बताया है, लेकिन सर्वार्थ सिद्धि योग 19 साल बाद आने वाले ध्रुव योग के बावजूद भी पंडित आनंद शंकर व्यास का मानना है कि रंगों के इस त्यौहार को कोरोना महामारी के चलते घर पर ही मनाएं. महामारी में सावधानी भी रखें. घर पर पूजन अर्चन करें. होली पर्व फलदायक शुभ समय है, सभी के लिए शाम 6:37 से रात 8:59 तक मनोवांछित फल की प्राप्ति के लिए पूजन का अच्छा समय है.