उज्जैन। विश्व प्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर में विस्तारीकरण को लेकर चल रही खुदाई के दौरान मंगलवार को एक शिवलिंग निकला. बुधवार को पुरातत्व अधिकारी धुर्वेंद्र जोधा उज्जैन पहुंचे. उन्होंने अपनी देखरेख में शिवलिंग को साफ करवाया. जोधा ने बताया कि शुरुआती रूप से 9वीं या 10 वीं शताब्दी का शिवलिंग दिखाई दे रहा है. 11वीं शताब्दी में मंदिर से यह शिवलिंग अलग है. 2 फीट नीचे शिवलिंग की प्रतिमा करीब पौने 2 फीट की है और मंदिर करीब 1000 या 1100 साल पुराना हो सकता है. फिलहाल शिवलिंग को सहेज कर रखा जाएगा.
पहले भी खुदाई में निकल चुका है मंदिर का ढांचा
उज्जैन महाकालेश्वर मंदिर परिसर में विस्तारीकरण कार्य के लिए एक वर्ष से खुदाई कार्य चल रहा है. मंदिर विस्तारीकरण खुदाई में निकले 11वीं शताब्दी का 1000 वर्ष पुराने परमार कालीन मंदिर का ढांचा सामने आया था. मंदिर का पुरा स्ट्रक्चर साफ-साफ दिखाई दे रहा था. जिसके बाद भोपाल पुरातत्व विभाग की टीम की देखरेख में खुदाई का काम चल रहा था. इधर, निर्माण कार्य कर रहे लोगों ने वापस से मंदिर को मिट्टी से ढक दिया था. साधु संतों के विरोध और समाजसेवियों के विरोध के बाद प्रशासन ने एक बार फिर खुदाई करवाकर मंदिर को पुनः निकलवाया, जिसके बाद से लगातार खुदाई का कार्य जारी है.
खुदाई में मिल रहे अवशेष
महाकालेश्वर मंदिर के सामने वाले हिस्से में चल रही खुदाई में कई मंदिर के अवशेष मिले हैं. पुरातत्व विभाग की टीम बड़ी सावधानी से यहां पर अपना कार्य कर रही है. हजारों वर्ष पुराने मंदिर के अवशेषों को सावधानीपूर्वक निकाला जा रहा है. कुछ दिन पहले मंदिर के बाहर चल रही खुदाई के दीवारों पर नर कंकाल भी मिले थे, जो हजारों वर्ष पहले के बताए जा रहे थे.