उज्जैन। मध्यप्रदेश के पारंपरिक खेल मलखंब में अब बेटियां भी अपना दम दिखा रही हैं, मलखंब अब प्रदेश का राजकीय खेल है, यही वजह है कि सरकार का ध्यान भी इस पर ज्यादा रहता है, बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन के माधव सेवा न्यास में चल रहे राष्ट्रीय मलखंब (National Malkhamb Championship) में शामिल होने के लिए 20 राज्यों की 800 खिलाड़ी पहुंचे हैं, जिनमें लड़कों के बराबर लड़कियां भी शामिल हैं. पहले दिन की प्रतियोगिता में लड़कियों का हुनर देख लोग दांतों तले उंगली दबाते नजर आये क्योंकि लड़कियों की नाजुक कलाइयों की पकड़ ऐसी थी, जैसे बाज के जबड़े में पकड़ाया शिकार, पैर की उंगलियों के सहारे रस्सी को पकड़कर पूरे शरीर का वजन जब लड़कियां हवा में छोड़ती तो कितने लोगों की बेचैनी बढ़ जा रही थी क्योंकि जरा सी चूक उनकी जिंदगी पर भारी पड़ सकती थी. हालांकि इसी चूक का अचूक उपाय इतने कड़े प्रैक्टिस से बेटियों ने निकाला है.
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प्रतियोगिता की जब रविवार शाम को शुरूआत हुई तब मलखंब संघ से जुड़े अशोक सोनी के अलावा इंदौर सांसद शंकर लालवानी, महानिर्वाणी अखाड़े के महंत विनीत गिरी सहित मध्यप्रदेश मलखंभ के अध्यक्ष सोनू गहलोत भी मौजूद रहे. राष्ट्रीय मलखंब चैम्पियनशिप (National Malkhamb Championship) करीब एक वर्ष के अंतराल पर आयोजित किया गया है. बीते वर्ष 2019-20 में होने वाली प्रतियोगिता कोरोना संक्रमण की वजह से नहीं हो पायी थी, प्रदेश में हालत ठीक होने की वजह से 2020-21 की प्रतियोगिता 25 से 30 सितंबर तक चलेगी, जिसमे 5 वर्ष से लेकर 18 वर्ष और उस से ऊपर के खिलाड़ हिस्सा ले रहे हैं. पहले तीन दिन 25 से 27 सितंबर तक तीन दिन में सब जूनियर प्रथम और द्वितीय बालक-बालिका की प्रतियोगिता का आयोजन होगा, जिसके बाद 28 से 30 सितंबर तक सीनियर पुरुष, जूनियर बालक, सीनियर महिला, जूनियर बालिका अपने प्रदेश का प्रतिनिधित्व करते हुए राष्ट्रिय चैम्पियनशिप में हिस्सा लेंगे.
महिला खिलाड़ियों का प्रतिनिधित्व पुरुषों के बराबर