उज्जैन। जिले के नागदा/खाचरोद क्षेत्र से बेहद चिंताजनक मामला सामने आया है. कोरोना महामारी की दूसरी लहर थमी नहीं कि नागदा में एक साथ 10 बच्चों की जांच रिपोर्ट डराने वाली सामने आयी है. रिपोर्ट में 10 बच्चों का CRP (C-reactive protein) लेवल बढ़ा हुआ पाया गया.इस बात का खुलासा तब हुआ जब कांग्रेस नेता और कुछ जागरूक लोगों ने निजी लैब से रिपोर्ट को निकलवाया तो पता चला कि बच्चों को अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती करवाया गया है.
बच्चों में कोरोना की तीसरी लहर का खतरा. 10 बच्चों का CRP लेवल बढ़ा
कांग्रेस नेता बसंत मालपानी ने बताया कि मुझे जानकरी लगी नागदा क्षेत्र के 10 बच्चों में CRP लेवल बढ़ा हुआ मिला है. इसकी जानकरी मैंने ब्ल्यू पैथोलॉजी जाकर निकाली, तो बच्चों के नाम सहित रिपोर्ट सामने आई. इस पूरे मामले की जानकरी लेकर एसडीएम साहब को दी और उनसे पूछा कि भगवान न करे इन बच्चों को कोरोना हो तो शासन के पास इससे बचने के लिए क्या व्यवस्थाएं हैं.
बच्चों के लिए खतरनाक है तीसरी लहर
कांग्रेस नेता बसंत मालपानी ने कहा कि WHO ने तीसरी लहर के लिए स्पष्ट कहा है कि यह बच्चों के लिये खतरनाक है. उन्होंने भाजपा को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि नागदा में ऑक्सीजन प्लांट का कार्य बहुत धीमी गति से चल रहा है, जबकि जावरा, रतलाम, देवास आगे है. यहां प्लांट का फॉउंडेशन तक तैयार नहीं हुआ है. यही नहीं सिविल अस्पताल को अब तक एंबुलेंस भी नहीं मिली है, जिसकी मांग की गई थी.
कलेक्टर ने खारिज किए कांग्रेस नेता के आरोप
कांग्रेस नेता के इन आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कलेक्टर आशीष सिंह ने कहा कि यह खबर बिल्कुल गलत है, कि बच्चों में कोरोना या ब्लैक फंगस के लक्षण हैं. उन्होंने कहा कि CRP जरूर बढ़ा हुआ आया है. उन्होंने कहा कि CRP कई मामलों में बढ़ा हुआ आ जाता है. ऐसे में तीसरी लहर का इस रिपोर्ट में सवाल ही नहीं उठता. उन्होंने कहा कि लगातार कोरोना के केस कम हो रहे हैं, अब इक्का-दुक्का केस आ आ रहे हैं. उन्होंने कहा कि अगर डॉ. कुमरावत ने बिना किसी तथ्य के कहा है तो उन्हें शोकाज नोटिस भेजा जाएगा.
12 साल से छोटे बच्चों के माता-पिता को vaccination में मिलेगी प्राथमिकता
दरअसल बच्चों में बुखार, आंख आना, शरीर में दाने उठना, जीभ और होंठ लाल होना, दस्त, ब्लड प्रेशर कम होना, गुमसुम और सुस्तपन होना सामने आया था. इस पर डॉ. कुमरवात ने कहा कि ऐसे मामलों की स्टडी की जा रही है. स्टाफ को इसका प्रक्षिक्षण देकर तैयार भी किया जा रहा है. यह कोविड-19 की तरह ही है. इसके उपचार में स्टेरॉयड का उपयोग किया जाएगा. यह कितनी मात्रा में दिया जाएगा, यह मुख्य होगा. कुमरावत के अनुसार ये वो बच्चे हो सकते हैं, जो किसी संक्रमित के संपर्क में आ चुके हों. उन्होंने कहा कि देश के बाहर ऐसे कई मामले आए हैं, जिसमें बच्चो में मल्टी सिस्टम इंफ्लेमेटरी सिंड्रोम के लक्षण दिखते है. इसमें CRP वैल्यू, ESR वैल्यू बढ़ने लगती है. जब ऐसे बच्चे आते हैं तो उनके LDH की जांच की जाती है.