जबलपुर। भले ही केंद्र सरकार ने वित्त विभाग के शूटकेस के खर्च में कटौती कर उसे बही खाते में बदल दिया है, पर ये कटौती भी जनता की जेब गरम करने में नाकाम साबित हुई है. सदन में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के मुंह से निकलते एक-एक शब्द और उस पर मेज थपथपाते सैकड़ों सांसद भले ही सरकार को शाबासी दे रहे थे, लेकिन हर शब्द पर आवाम के सपने चूर हो रहे थे और एक-एक शब्द आम आदमी के जख्मों पर नमक की तरह दर्द बढ़ा रहे थे.
वित्त मंत्री ने डीजल-पेट्रोल पर एक रुपये सेस चार्ज लगाकर जैसे महंगाई वाली डायन को संजीवनी ही पिला दिया है. जिसके तांडव से कोई बचने वाला नहीं है क्योंकि सेस चार्ज का अर्थव्यवस्था पर विपरीत असर पड़ने वाला है.