होशंगाबाद। 29 जुलाई को अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस यानि टाइगर-डे मनाया जाता है. मध्य प्रदेश में देश के सबसे ज्यादा 526 टाइगर हैं, जिसके चलते प्रदेश को टाइगर स्टेट का दर्जा प्राप्त है. पिछले साल आज ही के दिन एमपी को ये खिताब दोबारा मिला था. मध्य प्रदेश में तीन बड़े टाइगर रिजर्व हैं. सतपुड़ा टाइगर रिजर्व, कान्हा और बाधवगंढ़ इन तीनों पार्कों में टाइगर का दीदार करने को मिलता है.
टाइगरों के लिए MP है बेहद खास बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व
बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान को एमपी के तीसरे टाइगर रिजर्व का दर्जा प्राप्त है. यह अनूपपुर जिले में आता है. यहां बाघों की नर्सरी देखने को मिलती है. इसका क्षेत्रफल 437 वर्ग किलोमीटर में फैला है. यहां भी साल भर पर्यटक बाघों का दीदार करने पहुंचते हैं. इसे वर्ल्ड हेरिटेज सेंटर में भी शामिल किया जा चुका है. 124 बाघों के साथ यह प्रदेश में पहला स्थान रखता है.
सतपुड़ा टाइगर रिजर्व
एमपी के होशंगाबाद जिले में स्थित सतपुड़ा नेशनल पार्क या सतपुड़ा टाइगर रिजर्व में भी टाइगर का दीदार करने मिलता है, ये टाइगर रिजर्व प्रकृति की सुंदरता समेटे हुए है. यहां हर साल लाखों की संख्या में लोग बाघों को देखने पहुंचते हैं. क्योंकि ये स्थान आपको टाइगर के बारे में जुड़ी हर जानकारी देगा. यहां सुबह साढ़े छः बजे से शाम तक पर्यटक सफारी का मजा ले सकते हैं.
कान्हा नेशनल पार्क
मध्य प्रदेश के दो जिलों मंडला और बालाघाट के बीचो बीच कान्हा टाइगर रिजर्व, जिसे कान्हा राष्ट्रीय उद्यान के नाम से भी जाना जाता है. 1973 में यहां टाइगर प्रोजेक्ट शुरु हुआ था. यह टाइगर रिजर्व 1945 वर्ग किलोमीटर में फैला है. जहां टाइगर देखने को मिलते हैं. यहां सालभर पर्यटकों की अच्छी भीड़ जुटती है. क्योंकि यहां टाइगर के साथ-साथ कई अन्य वन्य जीवों की भी दीदार करने का मौका मिलता है.