टीकमगढ़। जिले के जतारा जनपद पंचायत के केशवगढ़ गांव में एक गरीब मगन लाल अहिरवार को तकरीबन दो साल से प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है. जिसकी वजह से उनका परिवार शौचालय को ही घर बनाकर रहने को मजबूर है. इनका आरोप है कि इनसे सरपंच ने पैसे मांगे, रिश्वत न देने पर मगन लाल को आवास योजना का लाभ नहीं दिया गया.
टीकमगढ़: शौचालयों में रहने को क्यों मजबूर है ये दलित परिवार, जानने के लिए पढ़े पूरी ख़बर
टीकमगढ़ जिले में प्रधानमंत्रि आवास की असलियत हुई उजागर गरीव परिवार 2 साल से टॉयलेट को आशियाना बनाकर रहने को मजबूर आवास का लाभ न मिलने पर रिस्वत के चक्कर मे
जिले के केसवगढ़ गांव का एक दलित अपने पूरे परिवार के साथ एक टॉयलेट में रह रहा है. यह टॉयलेट भी इसको और इसकी मां को पंचायत से बनवाकर दी गई थी. उसके साथ उसकी चार बेटियां और पत्नी फुलाबाई रहती है. इनका आरोप है कि सरपंच और सचिव ने उनसे आवास स्वीकृत करवाने के एवज में 20 हजार रुपए की मांग की थी और जब उनको पैसे नहीं दिए, तो सरपंच ने उनको आवास नहीं दिया. जिससे वह मजबूरी में टॉयलेट को आवास बनाकर रह रहे हैं.
इस मामले में जब गांव के सरपंच से बात कि तो उन्होंने बताया कि हमने किसी गरीब से पैसे नहीं मांगे हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि मगन लाल का नाम नई सूची में जुड़वा दिया गया है. जैसे ही लिस्ट में नाम आएगा तो उसे आवास का लाभ जरूर दिया जाएगा.
वहीं जिला पंचायत के अतिरिक्त सीईओ का कहना है कि मुझे आज यह बात पता चली है कि मगनलाल का परिवार टॉयलेट में रहने को मजबूर है. उसने जो भी आरोप सरपंच पर लगाए है उसकी जांच की जाएगी और यदि उसका नाम सूची में है और उसे आवास नहीं दिया गया है तो जो भी इसमें दोषी होगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.