मध्य प्रदेश

madhya pradesh

ETV Bharat / state

गजब ! MP में अमेरिका जैसी सड़कें होने का दावा करने वाले सीएम जरा ये भी देख लें... - CM Shivraj Singh

टीकमगढ़ जिले के डोंगरा खिरक गांव में सड़क नहीं है. जो रास्ता है उस पर भी पानी भरा रहता है. जिसकी वजह से ग्रामीणों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

Dongra Khirk Village
डोंगरा खिरक गांव

By

Published : Nov 13, 2020, 8:17 PM IST

टीकमगढ़। मध्यप्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान ने दावा किया था कि मध्यप्रदेश की सड़कें अमेरिका से भी अच्छी हैं. लेकिन टीकमगढ़ जिले का डोंगरा खिरक गांव इन दावों की पोल खोल देता है. ग्रामीण सालों से यहां सड़क की मांग कर रहे हैं, लेकिन हुक्मरानों तक इनकी आवाज नहीं पहुंच पा रही है. ग्रामीणों का कहना है कि नेताओं को सिर्फ चुनाव के समय हमारी याद आती है. लेकिन उसके बाद सब भूल जाते हैं.

सड़क नहीं होने से ग्रामीण परेशान

रास्ते में पानी भरा रहता है

डोंगरा खिरक गांव की आबादी करीब 600 है. क्या बच्चे और क्या बूढ़े सभी को सड़क की समस्या से रोज दो-चार होना पड़ता है. छोटी से छोटी जरूरत के लिए अगर किसी को गांव से बाहर जाना पड़ा तो सड़क नहीं नाले से होकर निकलना पड़ता है. इस गांव को दूसरे गांव से जोड़ने वाले रास्ते में पानी भरा ही रहता है.

नरकीय जीवन जीने को मजबूर ग्रामीण

ग्रामीणों का कहना है कि आए दिन यहां दुर्घटनाएं होती रहतीं हैं. इसके अलावा अगर गांव में कोई बीमार पड़ गया तो उसे अस्पताल ले जाने में भी बहुत परेशानी होती है. बच्चों का ध्यान रखना पड़ता है. सड़क नहीं होने से गांव के लोग नरकीय जीवन जीने को मजबूर हैं. पिछले 8 सालों से ये समस्या बनी हुई है.

क्यों भरा रहता है पानी

टीकमगढ़ जिले से महज 20 किलोमीटर दूर स्थित इस गांव को शहर से जोड़ने के मुख्य मार्ग पर 2 से लेकर 4 फीट तक पानी भरा ही रहता है. कभी-कभी तो इसका जलस्तर भी बढ़ जाता है. इसकी वजह बगाज माता डैम के चलते हुआ जलभराव है.

समस्या को गंभीरता से नहीं ले रहा प्रशासन

जिला पंचायात के एसीईओ चंद्रसेन सिंह से जब इस बारे में बात की गई तो उन्होंने रटा-रटाया जवाब सुना दिया. उनका कहना है कि इस मामले में प्रस्ताव तैयार कर संबंधित विभाग का भेज दिया है. ये मेटर सिंचाई विभाग का है. जबकि सिंचाई विभाग के अधिकारियों का है कि मामला पंचायत का है. वही सड़क बनाएंगे. इस तरह हर कोई अपना पल्ला झाड़ रहे हैं और अधिकारियों की लालफीताशाही की चक्की में ग्रामीण पिस रहे हैं.

ABOUT THE AUTHOR

...view details