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राशन नहीं मिलने से ग्रामीण परेशान, लॉकडाउन में पुलिस पर भेदभाव का आरोप - टीकमगढ़ में लॉकडाउन में ढील

टीकमगढ़ जिले में लॉकडाउन के दौरान थोड़ी रियायत देने पर ग्रामीण इलाकों के लोगों ने जिला प्रशासन पर भेदभाव पूर्ण का आरोप लगाया है. उनका कहना है कि यह ढील सिर्फ शहर में लागू की गई. इससे ज्यादा परेशानी ग्रामीणों इलाकों के लोगों को हो रही है.

Villagers accuse administration
लॉकडाउन में भेदभाव को लेकर ग्रामीणों ने लगाया आरोप

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Published : Apr 24, 2020, 4:00 PM IST

टीकमगढ़। जिले में 3 मई 2020 तक के लिए जिला प्रशासन ने लॉकडाउन में थोड़ी रियायत दी है, जिसको लेकर ग्रामीण इलाकों के लोगों ने प्रशासनिक अधिकारियों पर पक्षपात पूर्ण निर्णय लेने का आरोप लगाया है.

दरअसल ग्रामीणों का कहना है कि कुंडेश्वर में लोग काफी दिनों से परेशान हैं. लॉकडाउन के चलते यहां पर लोगों को राशन, किराना सहित तमाम चीजों को लेकर परेशानी हो रही है. ऊपर से जिन दुकानदारों ने अपने घरों से किराना बेचने का प्रयास किया, तो उसे भी पुलिस ने बंद करवा दिया. अब जिला प्रशासन ने ग्रामीणों को फिर राहत नहीं दी है, जो ढील दी गई उसमें सिर्फ शहरी इलाकों को ही फायदा हो रहा है.

टीकमगढ़ शहर और जतारा नगर के बाजार को खुलने की परमीशन दी गई है, जिसमें किराना, इलेक्ट्रिकल्स, रस्सी, मोबाइल, साइकिल पंचर दुकानें, स्टेशनरी, पशु आहार सहित तमाम प्रकार की दुकानें खोलने के निर्देश दिए गए हैं, जो सुबह 7 बजे से 12 बजे तक खोली जा रही हैं, लेकिन ग्रामीण इलाकों के लोग अभी भी परेशान हैं.

कुंडेश्वर के लोगों ने जमकर जिला प्रशासन के इस निर्णय का विरोध किया और कहा कि टीकमगढ़ में तो महीनों से राशन और किराने की होम डिलेवरी की जाती थी और ठेलों से घर-घर सब्जियां पहुंचाई जाती थी, लेकिन फिर भी इसकी सुविधा शहर वालों को दी गई. जबकि कुंडेश्वर में एक माह से कोई राशन और किराना की दुकानें नहीं ख़ोली गई.

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