टीकमगढ़।आम तौर पर शहर और कस्बों में किसी चौराहे, पार्क, ऑडिटोरियम और शासकीय भवनों में महापुरुषों या राजनेताओं की प्रतिमा स्थापित की जाती है. लेकिन इन प्रतिमाओं की सुरक्षा के लिए पुलिस की तैनाती नहीं करनी पड़ती है. मगर टीकमगढ़ के सर्किट हाउस में स्थापित की गयी माधव राव सिंधिया की मूर्ति की सुरक्षा पुलिस जवानों को करनी पड़ रही है. खास बात ये है कि अभी तक मूर्ति का अनावरण नहीं हुआ है और प्रतिमा का विरोध किया जा रहा है. स्थानीय लोग प्रतिमा के औचित्य पर सवाल उठा रहे हैं, लोगों का कहना है कि बुंदेलखंड और टीकमगढ़ इलाके से माधवराव सिंधिया का कोई नाता नहीं रहा और ना ही कोई योगदान है. अगर प्रतिमा स्थापित करना है, तो स्थानीय महाराजाओं और महापुरुषों की करी जाए.
क्या है मामला:दरअसल एक साल पहले टीकमगढ़ के सर्किट हाउस में केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के पिता स्वर्गीय माधव राव सिंधिया की प्रतिमा अचानक स्थापित कर दी गई थी. जैसे ही स्थानीय लोगों को प्रतिमा की जानकारी लगी, तो सबसे पहले क्षत्रिय महासभा ने विरोध जताया. क्षत्रिय महासभा का कहना है कि "टीकमगढ़ में सिंधिया राजघराने के किसी व्यक्ति की मूर्ति लगाने का कोई औचित्य नहीं है, क्योंकि सिंधिया राजघराने का बुंदेलखंड या टीकमगढ़ के विकास में कोई योगदान नहीं रहा है." स्थानीय लोगों के विरोध को देखते हुए तब प्रतिमा के अनावरण का फैसला टाल दिया गया. अब प्रतिमा फिर चर्चा में आ गई है, क्योंकि माधवराव सिंधिया की प्रतिमा के पास पुलिस की तैनाती कर दी गई है. एक ऐसी प्रतिमा जिसका अनावरण भी ना हुआ हो, उसके चारों तरफ पुलिस देखकर लोग हैरान हैं. जोग भी सर्किट हाउस के आसपास से गुजर रहा है, वह प्रतिमा के चारों ओर पुलिस देखकर सोच में पड़ जाता है.