टीकमगढ़। जिले में पलायन कर गए हजारों मतदाताओं को मतदान के दिन वापस बुलाने की एक अनोखी पहल की गई है. इसके लिए प्रशासन द्वारा कंट्रोल रूम स्थापित कर मतदाताओं को बुलाने का अभियान चलाया जा रहा है. लोकसभा चुनाव के मद्देनजर मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए जिला प्रसासन ने ये अनूठी पहल शुरु की है.
यह पहल कलेक्टर के निर्देशन में जिला पंचायत की सीईओ नीतू माथुर ने की है. उन्होंने टीकमगढ़ जिले से बाहर पलायन कर गए तकरीबन 12 हजार मजदूरों को वापस बुलाने के लिए एक स्पेशल चुनाव पलायन कण्ट्रोल रूम स्थापित किया. यहां से सभी मजदूरों के एजेंट ओर ठेकेदारों को फोन लगाकर सम्पर्क किया जाता है, इसमें सरकारी कर्मचारियो को मजदूरों को फोन लगाने के लिए बैठाया गया है. लोकतंत्र के महाकुंभ को सफल बनाने की यह ऐतिहासिक पहल है.
जिला पंचायत सीईओ ने ईटीवी भारत को बताया कि हमने जिले के तकरीबन 11 हजार 500 मजदूरों का पहले डाटा तैयार किया. साथ ही उनसे संपर्क करने के लिए उनके एजेंट ओर ठेकेदारों के नम्बर इकट्ठे किये. अब उनसे संपर्क करके बताया जा रहा है कि यदि तुमने 6 मई को टीकमगढ़ जिले के मजदूरों को मतदान करने नहीं भेजा तो तुम पर कार्रवाई की जाएगी.
वहीं जिन मजदूरों के फोन नम्बर हैं, उनसे लगातार बातचीत की जा रही है और उनसे मतदान के दिन 6 मई को वापस आने का बोला जा रहा है. खास बात ये है कि सैंकड़ों मजदूरों ने वापस आकर मतदान करने की बात कही भी है. पलायन कर चुके जो भी मजदूर अपने परिवार सहित दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, ग्वालियर, मुम्बई और इसके अलावा राज्यों गए हैं. उनको भी मतदान के दिन आने के लिए बुलाया जा रहा है. इसके लिए जिला पंचायत के कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है. जिला पंचायत सीईओ का कहना है कि मजदूरों की तरफ से भी अच्छा रिस्पॉन्स मिल रहा है.