टीकमगढ़। टीकमगढ़ लोकसभा सीट के लिये 6 मई को मतदान होना है. पांच साल पहले यहां के मतदाताओं ने जिस उम्मीद के साथ वीरेंद्र खटीक को सांसद चुना था, उन उम्मीदों पर वीरेंद्र खटीक खरा नहीं उतर सके. क्षेत्र के लोगों का मानना है कि टीकमगढ़ विकास के रेस में अब तक शामिल नहीं हो पाया है, जिले के पिछड़ेपन के लिए मतदाता सांसद वीरेंद्र खटीक को जिम्मेदार मानते हैं.लोगों का आरोप है कि वीरेंद्र खटीक क्षेत्र का विकास करने के बजाय यहां से मेडिकल कॉलेज दूसरी जगह ले गये.
विकास की रेस में पिछड़ा टीकमगढ़, सांसद वीरेंद्र खटीक की राह नहीं आसान
टीकमगढ़ लोकसभा सीट के लिये 6 मई को मतदान होना है. यहां के मतदाताओं ने सांसद वीरेंद्र खटीक के रिपोर्ट कार्ड पर प्रतिक्रिया दी है.
मतदाताओं की प्रतिक्रिया
सांसद वीरेंद्र खटीक दावा करते हैं कि उन्होंने क्षेत्र में करोड़ों के विकास कार्य कराए हैं. वीरेंद्र खटीक के भले ही दावे कर रहे हैं, लेकिन जनता में उनके खिलाफ गुस्सा है. वीरेंद्र खटीक को एक बार फिर पार्टी ने मैदान में उतारा है. पार्टी में अंदरूनी विरोध और मतदाताओं की नाराजगी इस बार उनकी राह को मुश्किल कर सकती है.