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गजब : क्या सच में इस गांव से अपने आप गायब हो गया श्मशान घाट, ग्रामीणों में इन दिनों हो रही खूब बात

टीकमगढ़ जिले के रमपुरा गांव में रहने वाले गरीब तबके के लोगों को परिजनों के अंतिम संस्कार के लिए दो चार होना पड़ रहा है.

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Published : Jul 16, 2020, 11:03 PM IST

People of Rampura village are worried
मरने के बाद भी नहीं मिल रहा चैन

टीकमगढ़। जरूरी सुविधाएं न होने से लोग जिंदगी भर तो बेहाल रहते ही हैं, मरने के बाद भी उन्हें चैन नसीब नहीं होता है. ऐसी ही नियति से टीकमगढ़ जिले के रमपुरा गांव में रहने वाले गरीब तबके के लोग दो चार हो रहे हैं. गांव में मौजूद श्मशान पर रातों-रात मिट्टी डाल दी गई है. जिसकी वजह से ग्रामीणों को परिजनों के अंतिम संस्कार के लिए भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. ग्रामीणों का कहना है कि पांच साल पहले तो यहां श्मशान घाट बनाया गया था. लेकिन दो साल पहले ही कुछ लोगों ने इसका विरोध किया और वहां मिट्टी डाल दी गई है.

इस गांव में लोगों के मरने के बाद भी नहीं मिल रहा चैन

गांव में श्मशान न होने से गरीब तबके के लोगों को सबसे ज्यादा परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि जिनके पास खेत हैं, वे तो वहां अपने परिजनों का अंतिम संस्कार कर लेते हैं. लेकिन जो भूमहीन गरीब वर्ग हैं, उसे अंतिम संस्कार के लिए पड़ोस के गांव जाना पड़ता है या फिर दूसरे लोगों से मिन्नतें करनी पड़तीं हैं. आलम ये है कि इस श्मशान घाट से जुड़ी कई अफवाहें भी फैलने लगीं हैं. कई लोगों का मानना है कि यहां से श्मशान अपने आप गायब हो गया है.

ग्रामीणों की समस्या को जब ईटीवी भारत ने प्रशासन के सामने उठाया तो जनपद पंचायत सीईओ प्रभात मिश्रा ने रटा-रटाया जवाब सुना दिया .सीईओ साहब का कहना है कि पास गांव में श्मशान की व्यवस्था है. अब तो रमपुरा गांव के श्मशान के पास से नहर भी निकल गई है. उसके बारे में देखना पड़ेगा. ग्रामीणों को मरने के बाद भी दो गज जमीन नसीब नहीं हो रही है. अंतिम संस्कार के लिए ठोकरें खानी पड़तीं हैं. वहीं प्रशासन का ये गैर जिम्मेदाराना रवैया बेहद शर्मनाक है.

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