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टीकमगढ़ में बच्चे सीख रहे पढ़ाई के नए गुर, जानें क्या है नया अंदाज

टीकमगढ़ जिले के परसुआ शासकीय प्राथमिक शाला में पदस्थ शिक्षिका परवीन बानो बच्चों को अनोखो अंदाज में पढ़ने के साथ साफ-सफाई से रहना सिखा रही हैं. जिससे बच्चों में पढ़ाई के लिए काफी उत्साह देखा जाता है. पढ़े पूरी खबर

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खेल-खेल में बच्चों का बन रहा भविष्य

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Published : Sep 30, 2020, 3:02 PM IST

टीकमगढ़। ज्ञान के बिना हर व्यक्ति अधूरा है, व्यक्ति को संपूर्ण करने का माध्यम शिक्षक ही होते हैं, जो अपने पठन-पाठन के नए-नए तरीकों से हमें शिक्षित करते हैं. हर शिक्षक के पढ़ाने का तरीका अलग होता है. ऐसी ही एक शिक्षिका टीकमगढ़ जिले में हैं, जो इस कोरोनाकाल में बच्चों को अनोखे तरीके से शिक्षा दे रही हैं.

बच्चों को पढ़ाती परवीन बानो

कोविड-19 के चलते पूरे देश में शैक्षणिक संस्थाएं अभी बंद हैं, ऐसे में इस साल ऑनलाइन पढ़ाई से छात्रों को शिक्षा दी जा रही है, लेकिन ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों के पास साधन नहीं हैं. जिसे देखते हुए शासकीय प्राथमिक शाला परसुआ में पदस्थ टीचर परवीन बानो गांव के छोटे-छोटे बच्चों को खेल-खेल में शिक्षा दे रही हैं. जिसकी हर कोई सराहना कर रहा है.

खेल-खेल में सीखा रही शिक्षा के गुर

बच्चों को पढ़ाने का नया अंदाज

परवीन बानो बच्चों को नए अंदाज में पढ़ाई करना सिखा रही हैं, जिसमें वो पढ़ाई के साथ-साथ साफ-सफाई से रहने का भी गुर बच्चों को सिखा रही हैं. परवीन बानो हर रोज परसुआ गांव में आती हैं और बच्चों को मिट्टी के खिलौनों से जोड़, घटाव और कई आकृतियों जैसे त्रिभुज, चपेटे, गोलियां, कछनते, आयताकार से गणित का ज्ञान देती.

खेल-खेल में बच्चों का बन रहा भविष्य

पढ़ाई के साथ सफाई का संदेश

टीचर परवीन बानो की क्लास में करीब 56 बच्चे हैं, जो इस अनोखे पढ़ाई का हिस्सा हैं. परवीन बानो अपनी कक्षा सार्वजनिक स्थानों पर लगाती हैं, जिससे गांव के लोग भी बच्चों का उत्साह बढ़ाए और खुद भी ज्ञान अर्जित करें. ग्रामीण कहते है कि, टीचर परवीन बानो हर रोज बस्ती में आती हैं और बच्चों को खेल के माध्यम से पढ़ाई कराती हैं, साथ ही कोरोना काल में साफ-सफाई से रहने का भी संदेश देती हैं.

खिलौनों के साथ गणित का ज्ञान

टीचर परवीन बानो की कक्षा में बच्चों को काफी मजा आता है और सभी एक आवाज में दौड़े चले आते हैं. यहां बच्चों को मिट्टी और लकड़ी के चपेटे, गोलियां, त्रिभुज, कछनते, आयताकार बनवाकर पढ़ाई कराती हैं, जिसके बाद गोलाकार में बिठाकर डाइस को फेंका जाता है, जितने चिन्ह आते हैं, उतनी गोलियों की गिनती की जाती, जिससे बच्चों को गिनती और पहाड़े पढ़ने में काफी मजा आता है.

परवीन बानो की क्लास में मिलता है प्रैक्टिकल नॉलेज

परवीन बानो गांव में अलग-अलग शिफ्ट में बच्चों की क्लास लेती हैं, उनकी अनोखे अंदाज में पढ़ाई करवाने का ये तरीका बच्चों को किताबी ज्ञान नहीं, बल्कि प्रैक्टिकल नॉलेज से बच्चों का शारीरिक और बौद्धिक विकास होता है. बच्चे कहते है कि, उन्हें परवीन बानो से पढ़ने में काफी मजा आता है, जहां उन्हें हर रोज नई चीजे सिखने को मिलती हैं और पढ़ाई काफी आसान हो जाती है. क्लास में बच्चे ही अपने हाथों से कई प्रकार की आकृति के खिलौने बनाते हैं, उनमें कलर करने का भी काम करते हैं, जिससे उन्हें रंगों के नाम का भी ज्ञान होता है.

पढ़ाई के लिए बच्चे रहते हैं उत्साहित

शिक्षिका परवीन बानो कहती हैं कि, खेल-खेल में पढ़ाई करवाने से बच्चों में पढ़ाई के लिए काफी उत्साह और रुझान देखने को मिलता है. वो हर दिन अलग-अलग जगह जाकर बच्चों को ग्रुप में पढ़ाती हैं, वहीं स्वच्छता के लिए गानों का सहारा लेकर सभी को साफ-सफाई से रहने का संदेश दे रही हैं.

जल्द ही परवीन बानो को किया जाएगा सम्मानित

गांव के लोगों का कहना है कि, परवीन बानो अच्छा पढ़ाती हैं, जो हर दिन बस्ती में आकर गरीबों के बच्चों को शिक्षा दे रही हैं. इसके साथ ही साफ-सफाई से रहना भी सीखाती हैं. खेल-खेल में पढ़ाई को लेकर राजीव गांधी शिक्षा मिशन के समन्यवयक का कहना है कि, परवीन बानो की ये पहल सराहनीय है. वो बच्चों को अनूठे अंदाज में पढ़ा रही हैं, जिसे लेकर उन्हें जल्द ही सम्मानित किया जाएगा.

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