टीकमगढ़। कोविड संक्रमण से बचाव के लिए एक ओर दुनियाभर में संघर्ष चल रहा है. तो वहीं संक्रमण के कारण फेफड़े खराब होने से लाखों लोग जान गंवा चुके हैं. एक फेफड़े के दम पर नर्स प्रफुल्लित पीटर, कोविड वार्ड में सेवाएं देकर मरीजों की जान बचा रहीं हैं. जिला अस्पताल में पदस्थ नर्स प्रफुल्लित पीटर कोविड वार्ड में भर्ती मरीजों का हौसला अफजाई करते हुये सबको प्रोत्साहित करती हैं और वे खुद इस काम से खुश रहती हैं. हालांकि कुछ दिन पहले उनकी बुआ और सास का कोविड के चलते निधन हो गया था. जिनकी सेवा करते हुए वह खुद संक्रमित हो गई थी. जबकि प्रफुल्लित पीटर कोविड वैक्सीन के दोनों डोज लगवा चुकी हैं. इसलिए स्वस्थ है और इस समय होम आइसोलेट हैं. संक्रमण के बाद भी प्रफुल्लित पीटर का हौसला टूटा नहीं है. वह कहती है कि जल्द ही स्वस्थ होकर मरीजों की देखरेख करेगी.
टीकमगढ़ जिले में 39 साल की नर्स प्रफुल्लित पीटर एक फेफड़े के दम पर मरीजों की जान बचाने में जुटी हैं. वह पिछले एक साल से कोविड वार्ड में लगातार ड्यूटी कर रही हैं. शादी के बाद प्रफुल्लित को पता चला उनका एक बाई ओर का फेफड़ा नहीं है. फिर भी वह डरी नहीं. उन्होंने अपनी हिम्मत नहीं तोड़ी. प्रफुल्लित पीटर का ऑक्सीजन सेचुरेशन आम लोगों की तरह ही 99-98 के बीच रहता है. नर्स प्रफुल्लित कहती है कि कोविड संक्रमण में एक फेफड़े को मजबूत रखने के लिए वह हर दिन प्राणायाम करती हैं. बैलूम फुलाती हैं. हालांकि उनका कहना है कि कुछ दिन पहले उनकी बुआ सास का कोरोना संक्रमण के चलते निधन हो गया था. जिनकी सेवा करते हुए वह कुछ संक्रमित तो हुईं, लेकिन वे स्वस्थ हैं. प्रफुल्लित पीटर कहती हैं कि जब पहली बार वह कोविड वार्ड में पहुंची, तो थोड़ा डरी लेकिन पीपीई किट और डबल मास्क लगाकर अब मरीजों के बीच जाती हैं और उनको दवा देकर प्रोत्साहित भी करती हैं.