टीकमगढ़। एमपी में मॉडल एक्ट का विरोध तेज होता जा रहा है. गुरूवार को शहर में मॉडल एक्ट के विरोध में जमकर विरोध प्रदर्शन किया गया, इस दौरान कृषि उपज मंडी से सभी कर्मचारियों ने कलेक्ट्रेट तक पैदल चलकर मार्च किया. कलेक्ट्रट पहुंचकर सभी ने कलेक्ट्र्रेट का घेराव किया और मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा. प्रदर्शनकारियों ने नारे बाजी करते हुए मॉडल एक्ट का विरोध किया. उनका मानना है कि इस कानून से मंडी के निजी हाथों में जाने से किसानों का नुकसान होगा, इससे मंडी कर्मचारियों के अलावा किसान और हम्माल सीधे तौर पर प्रभावित होंगे. मंडी के सभी कर्मचारियों ने मांग की कि उन्हें परमानेंट किया जाए और उनके लिए वेतन भत्ता तय किया जाए.
मॉडल एक्ट के विरोध में कर्मचारियों ने निकाला पैदल मार्च, कानून वापस लेने की मांग - Opposition to model act
टीकमगढ़ में गुरूवार को मॉडल एक्ट के विरोध में किसानों और हम्मालों द्वारा विरोध प्रदर्शन किया गया. कृषि उपज मंडी से सभी कर्मचारियों ने कलेक्ट्रेट तक पैदल चलकर मार्च किया. इस दौरान उन्होंने मॉडल एक्ट को वापस लेने की मांग की है. पढ़िए पूरी खबर..
सभी मंडी कर्मचारी 7 दिनों से हड़ताल पर हैं. उनका कहना है कि पहले हड़ताल करने पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने आश्वासन दिया था कि सभी को परमानेंट किया जाएगा, लेकिन अभी तक इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की गई है.
प्रदर्शन के दौरान हम्मालों ने कहा कि ये एक्ट भारत सरकार को वापस लेना चाहिए. वरना मंडियों में काम करने वाले सभी तुलवाट और हम्मालों का रोजगार छिन जाएगा. किसानों को उनकी उपज का पर्याप्त राशि नहीं मिलेगी, जिससे किसान बर्बाद हो जाएंगे. कर्मचारी, हम्माल और किसानों ने चेतावनी दी है कि अगर जल्द ही उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो वे उग्र आंदोलन करेंगे.