टीकमगढ़। पूरे मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री हाट बाजार योजना के तहत हजारों हाट बाजारों के निर्माण करवाए गए थे, जो अब अनुपयोगी हो गए हैं. करोड़ों रूपए खर्च कर बनाए गए इन हाट बाजारों में कभी भी बाजार नहीं लगाए गए. वहीं सरपंचों और अधिकारियों की मिलीभगत के चलते इसे बनाने में खर्च किए जा रहे करोड़ों रूपए का भ्रष्टाचार किया गया. यह हाट बाजार जिस उद्देश्य के लिए बनवाये गए थे, वह पूरी ही नहीं हुई.
पुराने जमाने मे प्रत्येक गांव में बाजार लगाया जाता था. उन्हीं बाजारों को बढ़ावा देने के लिए शिवराज सरकार ने मुख्यमंत्री हाट बाजार योजना के तहत बड़ी- बड़ी पंचायतों में हाट बाजार बनवाये थे. इनका मुख्य उद्देश्य था कि गांव के उत्पाद भी इन बाजारों में बेचे जा सके और गांव में पैदा होने बाली सब्जियां भी इन हाट बाजारों में बेची जाए. लेकिन इन हाट बाजार के निर्माण में व्यापक पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ.