टीकमगढ़। जिले के एक वनरक्षक राजेन्द्र पाल को जिला विशेष न्यायालय ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत रिश्वत लेने के मामले में चार साल की सजा सुनाई है. साथ ही 15 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है. वहीं सजा के बाद आरोपी को जेल भेज दिया गया है.
रिश्वत लेने के मामले में वनरक्षक को चार साल की सजा, 15 हजार का लगाया जुर्माना - Vachhora vet
वनरक्षक राजेंद्र पाल को जिला विशेष न्यायालय ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत रिश्वत लेने के मामले में चार साल की सजा सुनाई है. साथ ही 15 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है.
![रिश्वत लेने के मामले में वनरक्षक को चार साल की सजा, 15 हजार का लगाया जुर्माना Four year sentence given to forest guard in case of taking bribe](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/768-512-5957422-thumbnail-3x2-i.jpg)
वनसमिति का सदस्य प्रभान सिंह घोष सेराई का रहने वाला है. जिसने वनसमिति में सचिव पद पर अपना चयन करवाने के लिए वनरक्षक राजेन्द्र पाल से कहा था. जिसके लिए राजेन्द्र पाल ने उससे 25 हजार रुपए की डिमांड की थी, लेकिन प्रभान ने कहा कि 25 हजार रुपए ज्यादा होते हैं. वहीं राजेंद्र पाल के नहीं मानने पर प्रभान ने लोकायुक्त से इसकी रिकॉर्डिंग सहित शिकायत की. जिसके बाद सागर लोकायुक्त ने प्लानिंग कर पैसे देने की बात कही. वहीं प्रभान 10 हजार रुपए लेकर वनरक्षक राजेंद्र पाल के यहां पहुंचा, जिसे रिश्वत लेते हुए लोकायुक्त की टीम ने रंगे हाथों पकड़ लिया. जिसके बाद वनरक्षक पर भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर जमानत पर छोड़ दिया था. जिसका मामला जिला न्यायालय में चल रहा था और उसपर सजा सुनाई गई.
न्यायालय ने वनरक्षक राजेन्द्र पाल को रिश्वत मांगने और रिश्वत लेने के आरोप में दोषी पाते हुए भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत तीन साल की सजा और 7,500 रुपए का अर्थदंड लगाया है. साथ ही रिश्वत लेने के आरोप में भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत चार साल का सश्रम कारावास की सजा और 15 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है.