टीकमगढ़।देश इस वक्त कोरोना वायरस की ऐसी जानलेवा लहर के जूझ रहा है, जिसका कोई अंत नजदीक नहीं दिख रहा है. भारत में कोरोना संक्रमण की इस दूसरी लहर ने देश के अस्पतालों की पोल-पट्टी खोल कर रख दी है. हर जगह बदहाली है, बदइंतजामी है और तड़पते हुए मरीज हैं. इस वक्त देश के हर हिस्से में सिर्फ कोरोना संक्रमण के मरीज ही नहीं बल्कि अन्य बिमारियों के मरीज भी बुरे हाल में हैं.
बदहाल टीकमगढ़ का जिला अस्पताल कोरोना संक्रमण की इस दूसरी लहर में इसके मरीजों में ऑक्सीजन की कमी देखी जा रही है, लेकिन अस्पतालों में हालात यह हैं कि लोगों को ऑक्सीजन का जुगाड़ खुद ही करना पड़ रहा है. ऑक्सीजन किसी तरह मिल भी गई तो दवाइंया, बेड नहीं मिल पा रहे हैं. इस वक्त सबसे ज्यादा ऑक्सीजन और कोरोना संक्रमण के गंभीर मरीजों के इलाज में इस्तेमाल होने वाली रेमडेसिविर इंजेक्शन की कमी है.
देश के अन्य हिस्सों के साथ ही मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ का हाल भी डरावना है. यहां के राजेंद्र अस्पताल न ही ऑक्सीजन पर्याप्त मात्रा में है और न ही व्यवस्थाएं ठीक हैं. अस्पताल में अब हालात ऐसे हैं कि डॉक्टर मरीजों को अस्पताल में भर्ती करने के लिए हाथ खड़े कर रहे हैं. अस्पताल में मरीजों के परिजन बाहर से ऑक्सीजन सिलेंडरों की व्यवस्था कर रहे हैं, परिजन खुद स्ट्रेचर में मरीजों को ले जा रहे हैं. अस्पताल में इस दशा के मद्देनजर अब यहां मरीजों के सामने बड़ा संकट खड़ा हो गया है. साथ ही टीकमगढ़ अस्पताल में व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने के बजाय यहां के जनप्रतिनिधियों को सियासत में ज्यादा रुचि दिखाई पड़ रही है.
एमपी की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती गुरूवार रात राजेंद्र अस्पताल का जायजा लेने पहुंची थीं और इस दौरान उन्होंने वादा किया था कि अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी नहीं होगी. इसके साथ ही नए मरीजों को भी भर्ती किया जाएगा, लेकिन इसके बाद भी अस्पताल के हालात ज्यों के त्यों बने हुए हैं. जिले के प्रशासनिक अधिकारी भी इस बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को लेकर सजग नहीं दिखाई दे रहे हैं, ऐसे में लग रहा है कि जिले के लोग ही नहीं यहां के अस्पताल भी बीमार पड़ गए हैं.
अस्पताल में सांसों की कमी नहीं आने दूंगी: उमा भारती
- अस्पताल के व्यवस्थाओं का रियल्टी चैक
पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती द्वारा गुरूवार रात राजेंद्र अस्पताल का जायजा लेने के बाद ई टीवी भारत की टीम ने अस्पताल की व्यवस्थाओं का रियल्टी चैक किया, जिसमें उनके दावों की पोल खुल गई है. ई टीवी भारत की टीम ने देखा कि तो वहां आईसोलेशन वार्ड के अलावा कहीं भी ऑक्सीजन की व्यवस्था नहीं थी. मरीजों के परिजन ऑक्सीजन के लिए मारे-मारे फिर रहे थे और इसी दौरान वहां स्ट्रेचर पर एक ऑक्सीजन सिलेंडर ले जाता एक युवक दिखाई दिया. युवक से पूछने पर उसने बताया कि अस्पताल में ऑक्सीजन नहीं है, उन्हें बाहर से ऑक्सीजन सिलेंडर लाना पड़ रहा है. उसने आगे बताया कि डॉक्टर भी सही तरीके से मरीज को नहीं देख रहे हैं, अस्पताल में मरीजों को वार्ड बाय और अन्य अस्पताल स्टाफ द्वारा सुविधा नहीं मिल पा रही है.
कोरोना संक्रमण की इस दूसरी लहर में जिला अस्पताल का हाल यह हो चुका है कि अब अस्पताल प्रशासन नए मरीजों को भर्ती ही नहीं कर रहा है. जिला अस्पताल में जो मरीज भर्ती हैं, उन्हें भी इलाज के लिए जंग लड़नी पड़ रही है. जिले में ऐसे जानलेवा हालातों के बीच पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने जब अस्पताल का दौरा कर जिले के लोगों में एक उम्मीद जगाई थी और जो वादे-दावे किए थे, अब उनकी पोल खुलती नजर आ रही है.