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वन विभाग ने ठिकाने लगाए बेशकीमती 2600 पेड़, मामले पर अधिकारी डाल रहे पर्दा - सागौन के 2600 पेड़

टीकमगढ़ के खरगापुर में बानसुजारा बांध के भराव क्षेत्र से बेशकीमती 2600 पेड़ काटे गये और वन अधिकारियों ने वन माफियाओं ने मिलकर 2600 पेड़ों को ठिकाने लगा दिया. जहां अधिकारी और कर्मचारी पूरे मामले से अपना पल्ला झाड़ते हुए नजर आ रहे हैं.

Forest Department Hide out planted 2600 teak trees
वन विभाग ने ठिकाने लगाये सागौन के 2600 पेड़

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Published : Jan 12, 2020, 10:32 AM IST

Updated : Jan 12, 2020, 12:11 PM IST

टीकमगढ़।जिले के खरगापुर के सबसे बड़े बान सुजारा बांध कैचमेंट एरिया से मई-जून में वन विभाग ने 2600 सागौन के पेड़ों की कटाई कराई थी, जिसमें काटे गए पेड़ों को वन काष्ठागार में भेजा जाना था. लेकिन ये पूरी लकड़ी वन काष्ठागार न पहुंचकर बीच में ही गायब हो गई, और वन अधिकारियों ने वन माफियाओं से मिलकर 2600 पेड़ों को ठिकाने लगा दिया.

वन विभाग ने ठिकाने लगाए बेशकीमती 2600 पेड़


वहीं इस मामले की शिकायत भृत्य बहादुर सिंह और घनेन्द्र खरे ने सीसीएफ से की, जहां घोटाले में वन अधिकारी सुचिता मिशराम, दो वनकर्मियों और माफियाओं सहित आला अफसरों का लिप्त होना बताया गया था. इस मामले में ये भी सामने आया था कि बानसुजारा बांध के डूब क्षेत्र की लकड़ी आरा मशीन पर बेची गई है और काटे गए इन पेड़ों में सागौन, शीशम, शेस, छेवला सहित अन्य प्रजातियों के पेड़ भी शामिल थे. मामले में स्थानीय वन अधिकारी और कर्मचारियों के शामिल होने पर सिस्टम संभाल रहे अफसरों ने पर्दा डाल दिया.


पल्ला झाड़ रहे है कर्मचारी
इस मामले में बहादुर सिंह ने मुख्य वन संरक्षक व वन मंडल छतरपुर से शिकायत की जहां सीसीएफ के निर्देश पर तीन सदस्यीय टीम ने मौके पर पहुंचकर केचमेंट एरिया सहित बल्देवगढ़ गोदाम की जांच की थी. जहां वन परिसर में करीब 8 बैलगाड़ी लकड़ी टीम को मिली थीं जो अलग-अलग बीटों की लकड़ी थीं. वहीं बेशकीमती 2600 पेड़ न वन काष्ठागार पहुंचे और न ही वन परिसर में मिले. जब भी मामले को लेकर वन अधिकारी सुचिता मिश्राम के पास जाते हैं तो कर्मचारियों के द्वारा क्षेत्र में निकलने की बात कहकर पल्ला झाड़ दिया जाता है.


अफसर दे रहे जांच जारी होने का हवाला
बता दें कि पिछले एक महीने पहले तीन बार बानसुजारा बांध के डूब क्षेत्रों से काटी गई लकड़ी की जांच की गई थी और 29 जुलाई और 20 सितम्बर को टीम जांच करने पहुंची और जहां जांच के दौरान स्थानीय अफसरों व कर्मचारियों ने दूरी बनाये रखने के साथ मोबाइल बंद कर लिए था और वहीं अब माफियाओं के जांच के दायरे में अफसरों की जांच की गई जिसके सात महीने होने के बाद भी अफसर जांच जारी होने का हवाला दे रहे हैं.


अंधाधुंध सागौन की कटाई
देखा जाए तो केचमेंट ऐरिया के अलावा पास के ऐरिया में अंधाधुंध सागौन की कटाई की जा रही है. जिसे लेकर विभाग भी माफियाओं को खुला संरक्षण देने में लगा हुआ है और जहां पर्यावरण के नाम पर लाखों पौधों का हर साल रोपण किया जाता है वहीं जिम्मेदार अफसर माफियाओं के साथ सांठगांठ कर पेड़ों की कटाई कराने में लगे हैं.

Last Updated : Jan 12, 2020, 12:11 PM IST

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