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फसलों में पीला मोजेक रोग से परेशान किसान, अधिकारियों ने किया निरीक्षण - कृषि अधिकारी एसके श्रीवास्तव

कलेक्टर के निर्देशन पर कृषि विभाग के अधिकारियों ने ग्रामों का भ्रमण किया. जहां भ्रमण के दौरान पाया गया कि जिले में सोयाबीन की फसल सुरक्षित है, कहीं कहीं सोयाबीन में इल्ली का प्रकोप है जिसे दवाई का छिड़काव कर के ठीक किया जा सकता है.

On the direction of the Collector, the officers of the Agriculture Department visited the villages
कलेक्टर के निर्देशन पर कृषि विभाग के अधिकारियों ने ग्रामों का किया भ्रमण

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Published : Aug 27, 2020, 11:17 AM IST

Updated : Aug 27, 2020, 11:24 AM IST

निवाड़ी। जिले के कलेक्टर आशीष भार्गव ने कृषि विभाग को निर्देशित किया है कि, फसल में यदि पीला मोजेक बीमारी लग रही है तो जिले में इसकी रोकथाम के लिए तत्काल आवश्यक उपाय किए जाएं. साथ ही किसानों को जरुरी समझाइश दी जाए.

इसके पालन में जिला कृषि अधिकारी एसके श्रीवास्तव के मार्गदर्शन में निवाड़ी अनुविभागीय कृषि अधिकारी भरत राजवंशी और वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी डीके नायक ने जिले के ग्रामों का भ्रमण किया.

भ्रमण के दौरान पाया गया कि जिले में सोयाबीन की फसल वर्तमान में एकदम सुरक्षित है, किसी भी ग्राम से सोयाबीन में बीमारी की रिपोर्ट नहीं है. कहीं-कहीं पर सोयाबीन में इल्ली का प्रकोप अवश्य शुरू हो गया है. जिसके लिए किसानों को सलाह दी गई है कि, वह सोयाबीन की फसल में क्लोरएन्ट्रानिलिप्रोल नामक दवा की मात्र 100 मिली लीटर मात्रा 500 लीटर पानी अर्थात 3 मिलीलीटर दवा एक टंकी यानी 15 लीटर पानी में मिलाकर सोयाबीन की फसल पर स्प्रे करें. यदि यह दवा ना मिले तो 1.5 लीटर क्वीनोल्फोस दवा का भी उपयोग किया जा सकता है.

वहीं भ्रमण में यह भी पाया गया कि बहुत से ग्रामों में उड़द की फसल में पीला मोजेक बीमारी की समस्या आ गई है. यह बीमारी वस्तुतः सफेद मक्खी से पैदा होती है अतः सफेद मक्खी का नियंत्रण करने से इस बीमारी को शुरुआत में ही रोका जा सकता है.

जिसके लिए इमिडाक्लोरप्रीड दवा की 750 मिली मात्रा 500 ली. पानी में घोल कर एक हेक्टर फसल में छिड़काव करें, लेकिन बीमारी का प्रकोप ज्यादा होने पर दवा का प्रभाव नहीं होता है. अतः किसानों को चाहिए कि शुरुआत में ही इसका उपचार करें. रोग ग्रस्त पौधों को उखाड़ कर किसी गड्ढे में दबा दें या जला दें.

अधिकारियों ने विभाग के अमले को भी निर्देशित किया है कि वह प्रत्येक ग्राम में भ्रमण करें और सोयाबीन अथवा उड़द की फसल में यदि बीमारी का प्रकोप होता है, तो उन्हें इसी प्रकार की सलाह दें ताकि जिले में किसानों की फसलें सुरक्षित रहें.

Last Updated : Aug 27, 2020, 11:24 AM IST

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