मध्य प्रदेश

madhya pradesh

ETV Bharat / state

टीकमगढ़ में है बुंदेलखंड का कैलाश, मन मोह लेता है आस्था और भक्ति का अनूठा संगम

टीकमगढ़ जिले के कुंडेश्वर धाम को बुंदेलखंड का कैलाश कहा जाता है. यहां भक्त और भगवान के बीच आस्था और विश्वास का ऐसा अनूठा संगम देखने को मिलता है, जो हर किसी का मन मोह लेता है.

By

Published : Mar 21, 2019, 6:32 AM IST

कुंडेश्वर मंदिर

टीकमगढ़। भगवान भोलेनाथ के दर्शनों के लिये लगी भक्तों की ये लंबी-लंबी कतारें, टीकमगढ़ जिले के कुंडेश्वर मंदिर की हैं. कुंडेश्वर धाम को बुंदेलखंड का कैलाश कहा जाता है. यहां भक्त और भगवान के बीच आस्था और विश्वास का ऐसा अनूठा संगम देखने को मिलता है, जो हर किसी का मन मोह लेता है.

भगवान भोलेनाथ के इस मंदिर की महिमा बेहद खास मानी जाती है. कहा जाता है कि यहां विराजे भगवान शंकर पिंडी में से प्रकट हुये थे, जो हर साल चावल के दाने बराबर अपना आकार बढ़ाते हैं. मंदिर से जुड़ी एक लोककथा प्रचलित है कि एक महिला जब कुंडी में धान कूट रही थी. तभी अचानक उसमें से खून निकलने लगा, ऐसा होते देख महिला ने कुंडी को ढंक दिया और वह यह घटना गांव वालों को बताने गयी. लेकिन, वापस आकर जब उसने कुंडी को देखा तो उसमें शिवलिंग निकल आया. तभी से इस शिवलिंग की पूजा होती चली आ रही है.

वीडियो

बाद में टीकमगढ़ रियासत के महाराज ने यहां भव्य मंदिर का निर्माण कराया. मान्यता है कि अपने नाम के अनुसार भगवान भोलेनाथ शिवलिंग पर जल चढ़ाये जाने मात्र से इतने प्रसन्न होते हैं कि भक्तों की हर मनोकामना पूरी कर देते हैं. बुंदेलखंड के इस कैलाश पर महाशिवरात्रि और मकर संक्रांति पर हर साल अंर्तराज्यीय मेले का आयोजन भी होता है, जिसे देखने के लिये दूर-दूर से भक्त भगवान के दर तक पहुंचते हैं.

ABOUT THE AUTHOR

...view details