टीकमगढ़। किसी की मृत्यु होने के बाद उसके परिवार के लोग रोते बिलखते है, लेकिन कुशवाहा परिवार ने अपनी दादी की अंतिम यात्रा बैंड बाजों के साथ फिल्मी धुनों पर निकाली. परिवार के लोगों ने हंसते-हसंते अपनी दादी अम्मा को गीत और संगीतो की धुनों पर विदा किया.
गाजे-बाजे से साथ निकाली गई 105 साल की बुजुर्ग दादी की अंतिम यात्रा, परिवार ने दी शानदार विदाई - ललिता कुशवाहा
टीकमगढ़ में एक परिवार ने अपनी दादी की अंतिम यात्रा धूम-धाम से गाजे-बाजे के साथ निकाली और लोगों को संदेश दिया कि किसी बुजुर्ग की सामान्य मृत्यु होती है तो उसे हंसी-खुशी से विदा करना चाहिए.
105 साल की दादी की बैंड बाजे के साथ निकाली गई अंतिम यात्रा
टीकमगढ़ के लिधोरताल में अपने परिवार के साथ रहने वाली ललिता कुशवाहा का 105 साल उम्र में निधन हो गया. उनकी मृत्यु पर उनके रोने-धोने के बजाय गाजे-बाजे के साथ उनकी अंतिम यात्रा निकाली. परिवार वालों का कहना है कि वो एक खुशी परिवार छोड़ कर गई हैं और उन्होंने अपनी पूरी जिंदगी खुशहाली के साथ जिया है.